शिवसेना ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर गंभीर लापरवाही एवं असंवेदनशीलता का आरोप लगाया है। पार्टी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि केंद्र की बीजेपी सरकार कोरोना महामारी के दौरान बड़ी संख्या में हो रही मौतों के बीच फिजूलखर्ची का एक ऐसा उदाहरण पेश कर रही है जो पूरी दुनिया में भारत की बहुत गलत छवि पेश करता है। पार्टी ने कहा है कि बीते 70 सालों में पंडित नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक अलग-अलग प्रधानमंत्रियों ने जो सिस्टम बनाया था वही आज देश के काम आ रहा है। आज की सरकार ने ना तो कोई सिस्टम बनाया है और ना कोई उपाय किया है जिसके जरिए इस महामारी का सामना किया जा सके।
इसके अलावा शिवसेना ने केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लागू किए जा रहे सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर भी गंभीर सवाल उठाएं। शिवसेना का कहना है कि ऑक्सीजन, वेंटीलेटर, वैक्सीन और अन्य आवश्यक दवाइयों सहित तालमेल की कमी से जूझ रहे इस देश में बीस हजार करोड रुपए सिर्फ नए संसद भवन और प्रधानमंत्री आवास के लिए खर्च करना एक भयानक फिजूलखर्ची है। आज जबकि देश को कोरोना महामारी से निपटने के लिए पैसों और संसाधनों की आवश्यकता है ऐसे समय में इतने बड़ी धनराशि को गैर जरूरी काम में खर्च करना भारत के नागरिकों के जीवन से खिलवाड़ करने के समान है।
शिवसेना ने यह भी कहा कि एक तरफ आज भारत बांग्लादेश श्रीलंका और भूटान जैसे देशों से मदद मांग रहा है, और दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी हजारों करोड रुपए अपना नया घर बनाने के लिए खर्च कर रहे हैं। यह एक विचित्र स्थिति है और अगर यह जारी रहती है तो भारत के नागरिकों का अपनी सरकार से विश्वास उठेगा बल्कि वे भारत की नौकरशाही और न्यायपालिका में भी विश्वास खो देंगे।

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