नई दिल्ली। एससी/एसटी एक्ट पर फैसला देने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एके गोयल को नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) का अध्यक्ष बनाए जाने पर एससी/एसटी सांसदों ने सवाल उठाया है. 23 जुलाई को मोदी सरकार में मंत्री रामविलास पासवान के घर पर एनडीए के दलित सांसदों की बैठक हुई जिसमें एससी/एसटी अत्याचार निरोधक कानून और सरकारी नौकरियों में प्रोमोशन में आरक्षण जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. इसी बैठक में जस्टिस गोयल को हटाने के लिए दलित सांसदों ने सहमति दी थी. जस्टिस गोयल छह जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे और उसके बाद सरकार ने उन्हें एनजीटी अध्यक्ष नियुक्त किया था. एनडीए के सांसदों का कहना है कि जस्टिस गोयल की नियुक्ति से दलितों के बीच अच्छा संदेश नहीं गया है और इससे आगामी चुनावों में नुकसान हो सकता है.
इस बीच रामविलास पासवान के सांसद बेटे चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर एनजीटी अध्यक्ष को पद से बर्खास्त करने की मांग की है. साथ ही सरकार से एससी/एसटी एक्ट पर अध्यादेश लाने की मांग की है. चिराग पासवान ने पीएम को पत्र लिखकर कहा है कि जल्द से जल्द जस्टिस (रिटायर्ड) एके गोयल को एनजीटी चेयरमैन पद से बर्खास्त किया जाए. चिराग ने पत्र में कहा- ”संसद के चालू सत्र में विधेयक लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के प्रभाव से अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के कानूनी सुरक्षा की व्यवस्था को बहाल किया जाए. अगर इसमें कोई अड़चन है तो संसद के चालू सत्र को दो दिन पहले खत्म कर अध्यादेश लाया जाए.”
बताते चलें कि 20 मार्च को जस्टिस गोयल और जस्टिस उदय उमेश ललित की पीठ ने एससी/एसटी एक्ट में बड़े बदलाव का एक्ट पारित किया था. इस आदेश के बाद दलित समाज की ओर से 2 अप्रैल को देश भर में बड़ा आंदोलन हुआ था. विपक्षी दलों और दलित चिंतकों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने मजबूती से पक्ष नहीं रखा, जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला दिया और कानून कमजोर हुआ. विपक्ष का आरोप है कि मोदी सरकार धीरे-धीरे आरक्षण खत्म करना चाहती है. अब इसी मुद्दे को लेकर तमाम दलित सांसदों के साथ आने से सरकार मुश्किल में घिर गई है.
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पासवान जी आपने तो पका ली 5 साल अंत में जाते जाते sc St याद आगई क्या ।
राम विलास पासवान एंड फॅमिली आपकी राजनीती खत्म होनी चाहिए . आपके द्वारा ढुलमुल और स्वार्थ की राजनीती ने दलितों को कही का नहीं छोड़ा . आज याद आ रहा है गोयल साबी , तब कहा थे जब वे न्युक्ति पा रहे थे . ये आको सही से मालूम है की आप नाममात्र के मंत्री हो सिर्फ बहकावे के लिए . मीरा कुमार जब प्रेसिदेन्तिअल् उमीदवार थी तब क्यों नहीं बोला . आप और चिराग लगातार रिजर्वेशन के खिलाफ बोलते आ रहे हो .
आपकी गोटिया अब राजनीती में नहीं चले .