
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखऱ से मिलने पहुंची प्रियंका गांधी
लखनऊ। मंगलवार को देवबंद में एक कार्यक्रम के दौरान धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप के बाद गिरफ्तारी औऱ फिर तबियत खराब होने के बाद मेरठ के अस्पताल में भर्ती चंद्रशेखर रावण से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की बुधवार शाम को मुलाकात के बाद उत्तर प्रदेश का सियासी पारा अचानक चढ़ गया. इस मुलाकात के बाद भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के कांग्रेस में आने की अटकलें तेज हो गई हैं. यह चर्चा इसलिए भी जोर पकड़ रही है क्योंकि बसपा औऱ इसकी मुखिया मायावती ने चंद्रशेखर आजाद को अब तक कोई भाव नहीं दिया है. ऐसे में वह भी ठिकाना खोज रहे हैं.
इस मुलाकात के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया भी प्रियंका गांधी के साथ मौजूद थे. इस मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी औऱ चंद्रशेखर आजाद का जो बयान आया है, वह भी नयी सियासत का संकेत दे रहा है. चंद्रशेखर से मिलने के बाद प्रियंका गांधी ने पत्रकारों से कहा कि ‘ये अहंकारी सरकार है जो युवा की आवाज कुचलना चाहती है. ये नौजवान हैं, रोजगार तो सरकार ने दिया नहीं, अगर संघर्ष कर रहे हैं तो करने दीजिए. ये सरकार नौजवान की आवाज उठाना नहीं चाहती है.’ प्रियंका गांधी ने इस मुलाकात के राजनीतिक मायने होने से इंकार किया.
तो दूसरी ओर प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद चंद्रशेखर आजाद ने प्रियंका गांधी को बहन बताया. भीम आर्मी प्रमुख ने कहा, “उन्होंने मेरी तबीयत के बारे में जाना. मैं बहुजन समाज में पैदा हुआ हूं और बहुजन समाज में ही मरूंगा. प्रधानमंत्री मोदी जहां से चुनाव लड़ेंगे, वहां से मैं भी लड़ूंगा. हम मोदी जी को हराएंगे और उन्हें गुजरात भेजेंगे. मैं गठबंधन को समर्थन दूंगा.’
हालांकि चंद्रशेखऱ आजाद ने एक बार फिर मायावती को सपोर्ट देने की बात दोहराई है. हालांकि अखिलेश यादव को लेकर उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा है कि उन्हें प्रोमोशन में आरक्षण पर अपना रुख साफ कर देना चाहिए. लेकिन इस मुलाकात से यह साफ है कि उत्तर प्रदेश में जमीन तलाश रही कांग्रेस पार्टी को चंद्रशेखर आजाद और भीम आर्मी के रूप में दलित वोटों को अपने पाले में खिंचने की एक नई उम्मीद दिख रही है.
15 मार्च को दिल्ली में बहुजन हुंकार रैली की घोषणा
चंद्रशेखर आजाद ने 15 मार्च को दिल्ली में बहुजन हुंकार रैली करने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा, “15 मार्च को दिल्ली में बहुजन हुंकार रैली होगी. इसमें बड़ी संख्या में लोग भाग लेंगे. चाहे जो इसे रोकने का प्रयास करे, अब यह रुकेगी नहीं.”

अशोक दास (अशोक कुमार) दलित-आदिवासी समाज को केंद्र में रखकर पत्रकारिता करने वाले देश के चर्चित पत्रकार हैं। वह ‘दलित दस्तक मीडिया संस्थान’ के संस्थापक और संपादक हैं। उनकी पत्रकारिता को भारत सहित अमेरिका, कनाडा, स्वीडन और दुबई जैसे देशों में सराहा जा चुका है। वह इन देशों की यात्रा भी कर चुके हैं। अशोक दास की पत्रकारिता के बारे में देश-विदेश के तमाम पत्र-पत्रिकाओं ने, जिनमें DW (जर्मनी), The Asahi Shimbun (जापान), The Mainichi Newspaper (जापान), द वीक मैगजीन (भारत) और हिन्दुस्तान टाईम्स (भारत) आदि मीडिया संस्थानों में फीचर प्रकाशित हो चुके हैं। अशोक, दुनिया भर में प्रतिष्ठित अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में फरवरी, 2020 में व्याख्यान दे चुके हैं। उन्हें खोजी पत्रकारिता के दुनिया के सबसे बड़े संगठन Global Investigation Journalism Network की ओर से 2023 में स्वीडन, गोथनबर्ग मे आयोजिक कांफ्रेंस के लिए फेलोशिप मिल चुकी है।