नई दिल्ली। एससी-एसटी कानून के प्रावधानों में बदलाव और जस्टिस एके गोयल को एनजीटी चेयरमेन बनाने से नाराज अपनों को मनाने के लिए प्रधानमंत्री खुद मोर्चा संभालेंगे। इस क्रम में पीएम नरेंद्र मोदी जल्द लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान से बातचीत करेंगे। सरकार मानसून सत्र खत्म होते ही एससी-एसटी एक्ट के प्रावधानों में बदलाव संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अध्यादेश लाने की तैयारी कर ली है।
दरअसल सरकार की मुख्य चिंता दलित संगठनों द्वारा 9 अगस्त को घोषित भारत बंद से सहयोगियों को दूर रखने की है। लोजपा सांसद चिराग पासवान ने शुक्रवार को साफ तौर पर कहा कि अगर जस्टिस गोयल को नहीं हटाया गया तो पार्टी भारत बंद का समर्थन करेगी। असली समस्या इस कानून में बदलाव करने वाले जस्टिस एके गोयल को एनजीटी का चेयरमैन बनाने और यूजीसी द्वारा प्राध्यापकों की नियुक्ति के मामले में रोस्टर है।
इन फैसलों से एनडीए के घटक लोजपा-आरपीआई ही नहीं भाजपा के भी एससी-एसटी सांसद नाराज हैं। सरकार के लिए मुश्किल यह है कि उसके पास फिलहाल जस्टिस एके गोयल को पद से हटाने का रास्ता नहीं है। इसके अलावा सत्र जारी रहते सरकार कानून में बदलाव के खिलाफ अध्यादेश भी जारी नहीं कर सकती।
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P.M is a “Mukhota”.Din’t the S.C/ST M.P.knew of it or they pretend to know but now acting as renegade for Modi and BJP. Honorable minister Ram Vilas Paswan Ji is in Hindi,”Bina pende ka lota hai”. Now he realized that BJP may be defeated badly, it is time to jump ship as a Dalit Messiah?.But all along ,in those 4 year he was buddy-buddy with P.M Modi/BJP. I hope seasoned Dalit politicians and Dalit masses know of his moves. and don’t forgive him