म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। तख्तापलट के बाद से ही इसके खिलाफ वहां लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। आलम यह है कि विरोध प्रदर्शन में अब नर्स और बौद्ध भिक्खु भी उतर गए हैं। बौद्ध भिक्खुओं के सड़क पर उतरने से सैन्य सरकार घबरा गई है और उसने आंदोलन को कुचलने की धमकी दी है। यहां तक की प्रदर्शनकारियों को गोली तक मारने के आदेश दे दिए गए हैं।
इसके बावजूद राजधानी नेपीता और यंगून समेत देश के कई हिस्सों में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और सत्ता निर्वाचित नेताओं के हाथों में सौंपने की मांग कर रहे हैं। म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के सात कस्बों में सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक कर्फ्यू लगाया गया है।
गौरतलब है कि म्यांमार की सेना ने विगत एक फरवरी को नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) पार्टी की सरकार को अपदस्थ कर दिया था और खुद सत्ता पर काबिज हो गई थी। इसके बाद विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए देश की सर्वोच्च नेता आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन म्यिंट सहित कई शीर्ष नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद से ही विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है। हजारों प्रदर्शनकारी जमा होकर तख्तापलट के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से कहा कि वे सेना नहीं बल्कि जनता के लिए काम करें।

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