नई दिल्ली। आज नोटबंदी को एक साल पूरा हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी का फैसला लिया था. पिछले साल 8 नवंबर की रात को मोदी ने कालेधन और भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए 500 और 1000 के नोट बंद करने की घोषणा की तो पूरा देश सकते में आ गया क्योंकि अगली सुबह से ही लोगों में नोट बदलने की होड़ मच गई. मोदी की नोटबंदी की घोषणा के बाद से लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा.
लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि पीएम मोदी को यह करने का सुझाव कहां से मिला. जानकारी के मुताबिक ‘अर्थक्रांति संस्थान’ ने पहली बार नोटबंदी का प्रपोजल पीएम को भेजा था. इस पर मोदी ने संस्था के सदस्यों को मिलने का 9 मिनट का समय दिया लेकिन जब वे चर्चा करने पहुंचे तो करीब 2 घंटे तक इस प्रक्रिया को पूरी तरह समझा. संस्थान ने दावा किया था कि मोदी ने भी जब प्रोपजल पर चर्चा शुरू की तो उनकी रूचि इसमें काफी बढ़ गई थी और उन्होंने पूरी गहनता से इस पर विचार और चर्चा की. ‘अर्थक्रांति संस्थान’ पुणे की इकोनॉमिक एडवाइजरी संस्था है. इसमें चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और इंजीनियर शामिल हैं.

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