नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का शुक्रवार को राज्यसभा में कार्यकाल खत्म हो गया. वे 28 साल तक राज्यसभा सांसद रहे. वे पहली बार 1991 में असम से राज्यसभा सांसद चुने गए थे. 1991 के बाद से यह पहला मौका है जब मनमोहन संसद से बाहर रहेंगे. मनमोहन पिछली बार असम से 2013 में राज्यसभा के सदस्य बने थे. नई सरकार बजट सत्र 17 जून से शुरू होने वाला है.
असम में राज्यसभा की सात में से दो सीट खाली हुई थीं. ये सीटें मनमोहन सिंह और एस कुजूर की थींं. दोनों का कार्यकाल 14 जून को खत्म हो गया. मई में इन सीटों पर चुनाव हुए. एक सीट भाजपा और दूसरी सीट असम गण परिषद (एजीपी) के हिस्से में गई. भाजपा के कामाख्या प्रसाद तासा और एजीपी के बिरेंदर प्रसाद ने निर्विरोध जीत दर्ज की.
खाली हुई दोनों राज्यसभा सीटों पर कांग्रेस और एआईयूडीएफ पार्टी ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था, क्योंकि उसके पास विधानसभा में सदस्यों की संख्या बहुत कम है. असम की 126 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 26 और एआईयूडीएफ के 13 विधायक हैं, जबकि भाजपा के 60 विधायक हैं.
असम में अब भी कांग्रेस के चार राज्यसभा सांसद हैं. इनमें से भुबनेश्वर कलिता और डॉ. संजय सिन्ह का कार्यकाल 4 अप्रैल 2020 को खत्म होगा. इस दिन बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट पार्टी के बिश्वजीत डैमेरी का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है. विधानसभा में सदस्यता को देखते संभावना है कि कांग्रेस के पास से यह सीटें जा छिन सकती हैं.
Read it aslo-दरवेश हत्याकांड की इनसाइड स्टोरी

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।