नई दिल्ली। आखिरकार कन्नड़ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्यारे ने गुनाह कबूल कर लिया है. गिरफ्तारी के बाद एसआईटी की टीम ने हत्यारे से सच उगलवा दिया. इस कहानी को सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी. जान लें कि गौरी लंकेश की हत्या के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने परशुराम वाघमारे को गिरफ्तार किया है. इस हफ्ते के शुरुआती दिनों में एसआईटी ने आरोपी वाघमारे को उत्तर कर्नाटक के विजयपुरा जिले से गिरफ्तार किया था. एसआईटी का दावा है कि पूछताछ में वाघमारे ने लंकेश की हत्या की बात कबूल ली है. उसने जांच टीम को बहुत कुछ जानकारी दी है.
हत्यारे का कहना
एसआईटी की जानकारी के अनुसार वाघमारे को हत्या से पहले यह पता नहीं था कि वह किसे मार रहा है. और उसने 05 सितंबर, 2017 को बेंगलुरु के पॉश इलाके आरआर नगर में लंकेश को उनके घर के बाहर चार गोली मारकर हत्या कर दी.
महिला को नहीं मारना चाहिएः हत्यारा
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार पूछताछ के दौरान वाघमारे ने कहा, “मई 2017 में मुझे कहा गया कि अपने धर्म की रक्षा के लिए हमें किसी को मारना है. मैं इसके लिए राजी हो गया. तबतक मुझे यह पता नहीं था कि किसे मारना है. अब लगता है कि मुझे किसी महिला को नहीं मारना चाहिए था.” उसे 3 सितंबर को बेंगलुरु लाया गया. उसने बेलगावी में एयरगन चलाने की ट्रेनिंग ली थी.
वाघमारे ने कहा, “सबसे पहले मुझे एक घर में ले जाया गया. कुछ देर बाद एक बाइक सवार आया और मुझे वह घर दिखाने ले गया जहां मुझे किसी को मारना था. अगले दिन बाइक सवार मुझे बेंगलुरु के किसी और घर में ले गया. एक दूसरा शख्स मुझे बाइक से आरआर नगर के एक मकान में छोड़ गया. मुझे गौरी लंकेश को आज-आज में मारने की बात कही गई लेकिन लंकेश उस दिन घर से नहीं निकलीं.”
वाघमारे ने आगे बताया, “5 सितंबर को शाम 04 बजे मुझे बंदूक दी गई. शाम को ऑफिस से लौटते वक्त लंकेश कार का दरवाजा खोलकर जैसे ही बाहर निकलीं, मैंने उनपर चार गोलियां दाग दीं. मैं और बाइक सवार अपने रूम पर लौटे और उसी रात शहर छोड़कर निकल गए.
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