अभिनेता से नेता बने कमल हासन पिछले दिनों चुनाव प्रचार के दौरान दिए एक बयान को लेकर विवादों के घेरे में हैं. कमल ने कहा था कि आजाद भारत का पहला आतंकवादी एक हिंदू था और उसका नाम था नाथूराम गोडसे. अब इस बयान को लेकर उन्होंने सफाई दी है और कहा है कि हर धर्म के आतंकवादी पाए जाते हैं और कोई धर्म यह दावा नहीं कर सकता कि वह किसी और धर्म से बेहतर है. बयान को लेकर हो रहे विरोध पर हासन ने कहा कि वह गिरफ्तार होने से डरते नहीं हैं. बता दें कि कमल के बयान के बाद उनकी रैलियों में पत्थर और अंडे फेंके जाने की घटनाएं सामने आई हैं.
‘हर धर्म में होते हैं आतंकवादी’
पत्रकारों से बात करते हुए कमल ने कहा, ‘आतंकवादी हर धर्म में होते हैं. इतिहास में ऐसे कई लोगों को कई धर्मों में देख सकते हैं. मैंने यही कहा था कि हर धर्म के अपने आतंकवादी होते हैं. कोई यह दावा नहीं कर सकता कि हम दूसरे धर्म से बेहतर हैं और हमने ऐसा कभी नहीं किया. इतिहास गवाह है कि हर धर्म में चरमपंथ होता है. मैं उस दिन सौहार्द्र के बारे में बात कर रहा था.’
‘गिरफ्तार होने का डर नहीं, गिर रहा राजनीति का स्तर’
इस बयान के बाद मिल रहीं धमकियों और त्रिची में पत्थर फेंके जाने की घटना के बारे में हासन ने कहा कि उन्हें डर नहीं लग रहा. उन्होंने कहा कि राजनीति का स्तर नीचे जा रहा है और वह कीचड़ उछालने में शामिल नहीं होंगे. वह गिरफ्तार होने से डरते नहीं हैं. अगर उन्हें गिरफ्तार किया गया तो और भी परेशानी होगी. कमल ने आगे कहा कि यह चेतावनी नहीं, सलाह है.
‘हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, कर किसी तक पहुंचने की कोशिश’
जब उनसे यह सवाल किया गया कि यह खासकर मुस्लिम समुदाय तक पहुंचने की कोशिश थी तो उन्होंने जवाब दिया कि वह मुस्लिम, ईसाई या हिंदू, हर समुदाय तक पहुंचने की कोशिश करेंगे. गौरतलब है कि हासन ने तमिलनाडु के करुर जिले की अरिवाकुरिची विधानसभा सीट उपचुनाव के लिए प्रचार के दौरान कहा था, ‘आजाद भारत का पहला आतंकवादी एक हिंदू था और उसका नाम नाथूराम गोडसे था. मैं यह इसलिए नहीं कह रहा हूं क्योंकि यहां पर कई सारे मुस्लिम मौजूद हैं. मैं महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने खड़े होकर यह कह रहा हूं.’
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