
बुराड़ी। करीब डेढ़ महीने बाद एक दलित पीड़ित परिवार की शिकायत पर बुराड़ी थाने में दबंग आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हो सका. क्योंकि दंबगों ने न सिर्फ अछूत कहा बल्कि जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए दंपति को बुरी तरह पीटा था. पीड़ित दलित परिवार का कसूर सिर्फ इतना था कि वह हैंडपंप से पानी भरने पहुंचा और सवर्ण जाति के दबंगों ने उसे रोक दिया. आरोपियों के हमले में पत्नी की उंगली टूट गई थी जबकि पति का सिर फट गया था. इस हमले में पीड़ित दलित परिवार इस कदर डर गया कि मामले की पुलिस को इत्तला दी.
आरोप है कि कि पुलिस ने बजाय उनकी सुनने के हमलावरों की तरफदारी की. पीड़ित परिवार का दावा है कि इंसाफ के लिए दर दर भटके. दबंगों ने पुलिस से शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी. आखिरकार एससी-एसटी कमीशन के दखल पर अब 42 दिन बाद बुराड़ी थाने की पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मारपीट, जान से मारने की धमकी देने समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है.
आरोप है कि 28 मार्च को उनका बेटा गली में पानी भरने के लिए जा रहा था. उसी दौरान आरोपियों ने उसे पानी भरने से रोक दिया. बच्चे ने जब मां को बताया तो आरोपियों ने महिला और उसके पति पर हमला कर दिया. महिला के हाथ पर व पति के सिर पर रॉड मारी. परिवार का आरोप है कि पुलिस को फोन करने के बाद पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी. इसके बाद करीब एक सप्ताह पहले यहां से मकान खाली करके इलाके के संडे मार्किट में किराए पर घर लिया है. महिला का आरोप है कि ये सभी लोग इनके परिवार के लिए जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर डराते धमकाते हैं. उनको हैंडपंप से पानी भी नहीं भरने दिया जाता है.
पुलिस अफसरों का कहना है कि मामले में पीड़ितों व चश्मदीदों के बयान, मेडिकल रिपोर्ट समेत सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है. दरअसल, पीड़ित परिवार ए-ब्लॉक, वेस्ट कमल विहार, बुराड़ी में रहता है. परिवार में पति व तीन बच्चे हैं. महिला ने बयान दिया है कि पति मजदूरी करता है. अपना मकान है. इनके पड़ोस में पिंटू यादव, पन्ना लाल, चंदू यादव व अन्य लोग रहते हैं. पीड़ित दलित का आरोप है कि 2016 में अपना मकान बनाया था. 2017 में शिफ्ट किया. आसपड़ोस सवर्ण बाहुल्य इलाका है. इससे पहले भी कई बार छोटी छोटी बातों पर झगड़ा व मारपीट कर चुके हैं. आरोप है कि मकान खाली करके कहीं और चले जाने को कहते हैं.
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