गुजरात में जातिगत भेदभाव का एक और मामला सामने आया है. साबरकांठा जिले के इडार तालुका में ठाकुर समुदाय के आठ युवकों ने जबर्दस्ती एक दलित युवक की मूंछ मुड़वा दी और उसके साथ मारपीट की. 23 साल के इस पीड़ित युवक का नाम अल्पेश पांड्या है और वह सोशल वर्क में पोस्ट ग्रैजुएशन कर रहा है. युवक की न सिर्फ मूंछ मुंडवाई गई, बल्कि उसके साथ मारपीट भी की गई, जिसके कारण उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
एफआईआर के मुताबिक पांड्या अपने दो दोस्तों के साथ बाइक से मंदिर जा रहा था, तभी रास्ते में ठाकुर समुदाय के युवकों ने उनका रास्ता रोक लिया और उन्हें गाली देना शुरू कर दिया. लाठी-डंडों और लोहे की छड़ों से लैस युवकों ने उससे कहा कि वह ऐसी रौबीली मूंछ कैसे रख सकता है. इतने में कुछ युवक आगे आए और उसे डंडों से पीटने लगे. पांड्या ने भागने की कोशिश की तो आरोपी युवक उसे पास के एक घर में घसीटकर ले गए और उसकी मूंछें रेजर से मूड़ दीं.
पांड्या ने कहा, ‘मुझे बेरहमी से पीटा गया और मेरी मूंछ हटा दी गईं क्योंकि मैं दलित हूं.’ पांड्या ने कहा कि मेरी गांव में किसी से कोई दुश्मनी नहीं है और न ही ठाकुर समुदाय के किसी व्यक्ति से कभी झगड़ा किया. उन्होंने बताया, ‘मैं दो साल से मूंछ बढ़ा रहा था लेकिन अब मेरे मूंछ पर ताव देने और चश्मा लगाकर गांव में घूमने से उन्हें दिक्कत होने लगी. मेरे माता-पिता को भी मेरी मूंछ के लिए मारा-पीटा गया.’
गोरल गांव में हुई घटना को लेकर साबरकांठा पुलिस ने आठों युवकों के खिलाफ एससीएसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. पिछले साल अक्टूबर में दो दलित युवकों को भी गुजरात के ही लिंबोदरा और गांधीनगर में मारपीट और भेदभाव का सामना करना पड़ा था.

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