चंडीगढ़। पंजाब के लौंगोवाल में मंडेर कलां गांव के दलितों ने लौंगोवाल पुलिस स्टेशन के सामने धरना दिया. यह धरना दलितों ने जमीन प्राप्ति संघर्ष कमेटी की अगुवाई में किया. दलितों ने मांग की कि दलितों की जमीन पर कब्जा करने वाले सवर्णों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
दरअसल मामला यह है कि दलित परिवारों को पंचायती जमीन ठेके पर मिली हुई है. इस जमीन से लोग-आते जाते भी है. लेकिन सवर्णों को दलितों को जमीन मिलना और दलितों का आना-जाना नगवार लगा जिसके कारण उन्हें इस जमीन पर कब्जा कर लिया. दलितों ने जब इसका विरोध किया तो सवर्ण जाति के लोगों ने दो दलितों के खिलाफ चोरी का झूठा केस दर्ज करवा दिया. दलितों ने थाने के सामने प्रदर्शन करते हुए दलितों पर लगे इस झूठे आरोप को भी हटाने की मांग की.
जमीन प्राप्ति संघर्ष कमेटी के जिला नेता बलविंदर सिंह ने कहा कि दलित परिवारों ने रिजर्व पंचायती जमीन ठेके पर ली है. इस जमीन को जो रास्ता लगता है उस पर कुछ लोगों ने नाजायज कब्जा करके अपनी जमीन में मिला लिया है. उन्होंने आगे कहा कि सवर्णों ने पहले भी इस जमीन पर कब्जा कर लिया था लेकिन दलितों ने संघर्ष कर इस जमीन को छुड़वा लिया था. इस बार फिर सवर्णों ने इस जमीन पर कब्जा कर लिया.
बलविंदर सिंह ने कहा कि जब भी दलित परिवारों की महिलाएं जमीन से हरा चारा लेने जाती हैं तो सवर्ण जाति के लोग उनके साथ हाथापाई करते हैं और उन्हें जातिसूचक गालियां देते हैं. कुछ दिन पहले इस घटना को लेकर लड़ाई झगड़ा भी हुआ था अस्पताल में महिलाओं ने पुलिस को इस घटना पर बयान भी दिया था.
मामला प्रशासन के ध्यान में भी लाया गया था लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने बताया कि जमीन के जाते रास्ते पर खेतीबाड़ी औजार पड़े थे, जिन्हें दलित व्यक्तियों ने हटा दिया था. लेकिन दो दलित व्यक्तियों पर खेतीबाड़ी औजार चोरी करने के आरोप में झूठा केस दर्ज करवा दिया गया है. जिस कारण दलित परिवारों में इस बेइंसाफी के खिलाफ भारी रोष है. यह खेतीबाड़ी औजार पुलिस थाने में ही पड़े हैं.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।