तमिलनाडु के तिरुवरूर जिले के मन्नारगुडी इलाके में एक दलित व्यक्ति को कुछ गैर दलित लोगों द्वारा जबरन मलमूत्र खाने पर विवश करने के आरोप में दो गैर दलित व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है. पीड़ित का आरोप है कि कुछ गैर-दलित युवकों ने न केवल उसे जबरन मल-मूत्र खाने पर विवश किया बल्कि शरीर पर पेशाब भी किया. कोर्ट ने दो आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. एक आरोपी अभी भी फरार चल रहा है.
पीड़ित पी कोल्लिमलाई ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके साथ मारपीट की गई और जबरन मल-मूत्र खाने के लिए मजबूर किया गया. इस नामजद एफआईआर में आरोपियों के नाम शक्तिवेल, राजेश और राजकुमार का जिक्र किया गया है. तीनों आरोपी कल्लार समुदाय से संबंध रखते हैं.
पीड़ित व्यक्ति ने शिकायत की तीन साल पहले हुए एक कार्यक्रम के दौरान एक मंदिर के पास दो पक्षों में हुए विवाद में हस्तक्षेप करने के बाद उसे निशाना बनाया गया. गांव वालों का कहना है तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल पहुंचाने की जगह एक आरोपी आसानी से भागने में कामयाब हो गया और पुलिस स्टेशन के बाहर जाकर धरना प्रदर्शन करने लगा.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी व्यक्तियों पर एससी/एसटी प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटीज एक्ट 2015 के तहत मुकदमा नहीं दर्ज किया गया है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इस घटना के बाद पीड़ित व्यक्ति आत्महत्या करना चाहता था और बेहद शर्मिंदगी महसूस कर रहा था.
क्या है मामला?
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब तीन साल पहले अय्यनार मंदिर में एक कार्यक्रम के दौरान आरोपियों ने पीड़ित व्यक्ति के परिवार और दलित समुदाय के अन्य लोगों के साथ मारपीट की. इस झड़प में उनके वाहनों को तोड़ दिया गया. इसी घटना को आधार बनाकर पीड़ित पर हमला किया गया.
साभार- आजतक
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