भारत के समस्त शोषितों, पीड़ितों और ब्राह्मणी व्यवस्था की मारी जनता के हितैषी, उद्धारक एवं आरक्षण व्यवस्था के जनक तथा समतामूलक समाज के महान पक्षधर कोल्हापुर के महाराजा छत्रपति शाहू जी महाराज की 145 वीं जयंती पूरे देश में धूमधाम से मनाई जा रही है. इस मौके पर देश के अलग-अलग राज्यों में तमाम बहुजनवादी संगठन कार्यक्रम आयोजित कर शाहूजी महाराज को श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
गौरतलब है की शाहूजी महाराज का जन्म 26 जून 1874 को कोल्हापुर में हुआ था. वह कोल्हापुर रियासत के राजा थे. उन्हें आरक्षण का जनक भी कहा जाता है. उनके प्रशासन में ज्यादातर ब्राह्मण जाति के लोग ही थे. इस एकाधिकार को समाप्त करने के लिए उन्होंने आरक्षण का कानून बनाया और अपनी रियासत में बहुजन समाज के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की. देश में आरक्षण की यह पहली व्यवस्था मानी जाती है.
शाहूजी महाराज महात्मा जोतिबा राव फुले से प्रभावित रहें और डॉ. अम्बेडकर के मददगार थे. उन्होंने 1912 में प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य और मुफ्त करने का कानून बनाकर शूद्रों एवं दलितों के लिए शिक्षा का दरवाजा खोला. 1917 में पुनर्विवाह का कानून भी पास किया. 6 मई 1922 को उनका निर्वाण हुआ.

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