वाराणसी। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में हुए बवाल की जांच पूरी हो चुकी है. वाराणसी कमिश्नर नितिन गोकर्ण ने रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप दी है. कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट में बवाल बढ़ने के लिए बीएचयू प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है.
कमिश्नर ने जांच के दौरान वाइस चांसलर और पीड़ित लड़की समेत 12 लोगों के बयान लिए. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मामले को गलत तरीके से हैंडल किया और वक्त रहते इसका हल नहीं निकाला. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर वक्त रहते इस मामले को सुलझा लिया गया होता तो इतना बड़ा विवाद खड़ा नहीं होता. वहीं, वाराणसी कमिश्नर की रिपोर्ट के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बीएचयू के वीसी को दिल्ली तलब किया है. सूत्रो की माने तो अब बीएचयू के वीसी को छुट्टी पर भेजा जा सकता है.
Varanasi Commissioner in report to Chief Secy says #BHU did not deal with victim complaint in sensitive manner,nor handled situation on time
— ANI UP (@ANINewsUP) September 26, 2017
रिपोर्ट के अनुसार इस पूरे मामले में सबसे बड़ा दोष प्रशासन का ही है, वह चाहते तो यह मामला आराम से निपट सकता था. कमिश्नर नितिन गोकर्ण ने चीफ सेकेट्ररी राजीव कुमार को दी गई अपनी रिपोर्ट में बताया कि बीएचयू के प्रशासन ने पीड़ित की शिकायत पर ढंग से कार्रवाई नहीं की और ना ही हालात को सही तरीके से संभाला गया. बता दें कि BHU में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के बाद किए जा रहे धरना प्रदर्शन और विरोध से माहौल काफी बिगड़ गया था.
गौरतलब है कि हाल ही में हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी दौरे के समय ही छात्र आंदोलन जोर पकड़ने लगा था. आंदोलनकारी छात्रों की योजना थी कि यदि कुलपति उनसे मिलने नहीं आए, तो प्रधानमंत्री के काफिले को रोका जाएगा. इस बात की भनक सिक्योरिटी को लग गई और पीएम का रूट बदल दिया गया. इसके बाद छात्र-छात्राओं ने कुलपति आवास की तरफ रुख किया. यूनिवर्सिटी के सिक्योरिटी गार्ड ने उनको जमकर मारा. महिला कॉलेज में घुसकर मारपीट की गई. पूरा बवाल रात 3 बजे तक चलता रहा था.

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