समाजवादी पार्टी से बगावत करके पिछले साल शिवपाल यादव ने अलग अपनी पार्टी बनाई और लोकसभा चुनाव में ताल ठोककर कुछ सीटों पर सपा के सियासी समीकरण को बिगाड़ दिया. वहीं अखिलेश यादव बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ गठबंधन कर शानदार प्रदर्शन के लिए पूरी तरह आश्वस्त थे, लेकिन गठबंधन का गणित ऐसा ध्वस्त हो गया कि सपा अब तक के सबसे खराब दौर में पहुंच गई. अब शिवपाल की सपा में वापसी और अखिलेश के साथ उनके रिश्ते को सुधारने के लिए मुलायम सिंह यादव की ओर से कोशिश की जा रही है.
दिलचस्प बात यह है कि शिवपाल यादव अभी भी सपा से ही विधायक हैं. सपा से बगावत करने के बाद शिवपाल की सदस्यता के समाप्त करने के लिए सपा आलाकमान की ओर से आज तक किसी तरह की कोई चिट्ठी नहीं लिखी गई है. जबकि सपा के खिलाफ लोकसभा चुनाव में खुद भी लड़ चुके हैं और अपनी पार्टी से कई नेताओं को अलग सीट पर मैदान में उतारा था.
इसके बाद भी अखिलेश यादव ने शिवपाल के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया, जिससे की उनकी विधानसभा से सदस्यता खत्म हो. इसी के चलते आज भी वो सपा के ही विधायक हैं. माना जा रहा है कि सपा की ओर से समझौते की यह आखिरी गुंजाइश रखी गई है.
सोमवार को सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ में मुलायम सिंह का हालचाल लेने उनके आवास पर पहुंचे थे. इस दौरान शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव भी वहां पर मौजूद थे. सपा सूत्रों की मानें तो सीएम योगी के वहां से जाने के बाद मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल और अखिलेश यादव से बंद कमरे में करीब आधे घंटे बातचीत की.
बता दें कि लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव बेटे अखिलेश और भाई शिवपाल के बीच सुलह कराने की लगातार कोशिशें कर रहे हैं. दोनों के बीच मतभेद दूर करने के लिए पिछले दिनों मुलायम ने अखिलेश और शिवपाल से अलग-अलग मुलाकात की थी. इसके बाद सोमवार को दोनों नेता मुलायम सिंह को देखने उनके आवास पर पहुंचे थे. इसके चलते माना जा रहा है कि उनके बीच नजदीकियां बढ़ती दिख रही है.
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