नई दिल्ली। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक दो राज्यों के बालिका गृहों में यौन उत्पीड़न के मामले सामने आने के बाद अब केंद्र सरकार ने पूरे देश में मौजूद 9000 शेल्टर होम का ऑडिट करने का आदेश दिया हैं. ये रिपोर्ट दो महीने में जमा करनी होगी.
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा है, ”मैंने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से कहा है कि दो महीनों में सभी बाल देखभाल संस्थानों का सोशल ऑडिट सुनिश्चित किया जाए. इसके लिए मैंने प्रारूप भी तैयार कर दिया है.”
ऑडिट का ये नया प्रारूप पुराने से अलग होगा जिसमें सिर्फ़ बच्चों व बेड की संख्या और अन्य सुविधाओं की जांच की जाती थी.
अब शेल्टर होम चलाने वालों की पृष्ठभूमि और बच्चों की हालत की भी जांच की जाएगी.
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