रिटायर होते ही मुख्य चुनाव आयुक्त ने खोली चुनावों की पोल

नई दिल्ली। एक दिसंबर को नौकरी और पद से रिटायर होने के बाद पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने बड़ा धमाका किया है. पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने माना है कि नोटबंदी को कोई असर चुनाव के दौरान देखने को नहीं मिला है. रावत ने कहा कि नोटबंदी के बाद अनुमान लगाया जा रहा था कि चुनावों में कालेधन का इस्‍तेमाल बंद हो जाएगा लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है. उन्‍होंने कहा कि पांच विधानसभा में हो रहे चुनावों को देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजनीतिक पार्टियों और उनके फाइनेंसरों के पास पैसे की कोई कमी नहीं है. चुनाव में जिस तरह से पैसे का इस्‍तेमाल हो रहा है वह काला धन ही है.

मुख्य चुनाव आयुक्त पद पर आसीन रहे ओपी रावत 1 दिसंबर 2018 को रिटायर हो गए और उनकी जगह सुनील अरोड़ा को नया मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है. ओपी रावत का मुख्य चुनाव आयुक्त के तौर पर कार्यकाल एक साल रहा और इस दौरान उन्होंने त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, और मिजोरम में चुनाव कराए.
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि हमने हाल ही में 5 राज्यों के चुनावों के दौरान भी 200 करोड़ रुपए की रिकॉर्ड रकम सीज की है. इसका मतलब ये है कि चुनावों के दौरान जिस सोर्स से पैसा चुनावों में आ रहा है, वह बेहद प्रभावी है और नोटबंदी का उस पर कोई फर्क नहीं पड़ा है.
स्रोतः न्यूज18

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1 COMMENT

  1. ओ पी रावत जी! क्या पद पर रहते आपको लगवा मार गया था जो आपकी जुबान सरकार ले खिलाफ नहीं खुल पाई? अब कौन सी वाहवाही लूटने के फिराक में है। सच तो ये है कि आपके जैसे नौकरशाहो के कारण ही आज भारत में लोकतंत्र को तानाशाही लील जाने वाली है।

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