Saturday, January 18, 2025

ओपीनियन

आप कितने दलित क्रिकेटरों को जानते हैं?

कहा जाता है कि क्रिकेट अमीरों का खेल है. शायद इसीलिए भारतीय क्रिकेट में जो गिने चुने दलित खिलाड़ी रहे, वे भी गुमनाम ही रहे. इतिहासकार और लेखक रामचंद्र गुहा की नई क़िताब ''विदेशी खेल अपने मैदान पर'' में उन्होंने क्रिकेट का एक समाजशास्त्रीय...

क्या भूमंडलीकरण से दलित सशक्त हुए?

हाल में एक समाचार पत्र में छपे लेख में चंद्रभान प्रसाद जी ने एक गांव का उदाहरण देकर दिखाया है कि भूमंडलीकरण के बाद दलित बहुत खुशहाल हो गए हैं क्योंकि रोज़गार के करोड़ों अवसर पैदा हो गए हैं. हमें इस कहावत को ध्यान...

अखिलेश-मुलायम की मिली भगत!

अखिलेश सरकार के मंत्रियों पर लूटपाट का आरोप लगाकर अपने ही मुख्यमंत्री बेटे की कान खिंचाई करना मुलायम सिंह यादव की अब आदत बन गई है. मुलायम सिंह यादव ने अपने गांव में रहने वाले सवर्णों से यह सब सीखा है. दरअसल, सवर्ण अपने...

सवर्णवादी इतिहासकारों का शिकार हुआ तथागत बुद्ध और अशोक महान का इतिहास

संघ से जुड़े राष्ट्रीय वनवासी कल्याण परिषद की पत्रिका के मई 2016 के अंक में एक लेख छपा है कि सम्राट अशोक के हिन्दू से बौद्ध बनने और अहिंसा के प्रचार करने की वजह से विदेशी आक्रमणकारियों के लिये भारत की सीमायें खुली थीं....

​सुंदर पिचाई पर कोई क्यों नहीं बनाता फिल्म…!!

अस्सी के दशक में एक फिल्म आई थी, नाम था लवमैरिज. किशोर उम्र में देखी गई इस फिल्म के अत्यंत साधारण होने के बावजूद इसका मेरे जीवन में विशेष महत्व था. इस फिल्म के एक सीन से मैं कई दिनों तक रोमांचित रहा था....

सांसदों के पास दलितों के लिए वक्त नहीं!

देश भर में दलितों पर हो रहे हमलों के विरोध में तमाम राजनीतिक पार्टियां संसद से बाहर दलित हितैषी होने का दावा करती है. सारे राजनेता दलितों के सबसे बड़े हमदर्द बनने की कोशिश करते हैं. लेकिन असलियत हैरान करने वाली है. संसद के...

राह दिखाता गुजरात दलित आंदोलन

उना से शुरू होकर पूरे गुजरात में फैल चुके दलित आंदोलन ने न सिर्फ दलितों की मुक्ति की राह दिखाई है, बल्कि यह देश भर में उत्पात मचाने वाले सांप्रदायिक-जातिवादी हत्यारे गिरोहों का एक मुंहतोड़ जवाब भी पेश कर रहा है. यह आंदोलन इसलिए...

जब लड़ने को खड़े हुए, तब ही पीएम मोदी का बयान क्यों आया?

जब तक दलित पिट रहे थे तब तक मोदी का बयान नही आया. जब वो लड़ने उठ खड़े हुये तब मोदी क्यो बोले? क्यों? लड़ने वालो को इस बयान की क्या जरूरत है? अपने बयान से वो दलितो की मदद कर रहे हैं या...

बहुजन बाला दीपा कर्माकर से गोल्ड मेडल की उम्मीद

ब्राजील के रियो के मशहूर मरकाना स्टेडियम में ‘सांबा’ नृत्य के साथ खेलों के महाकुम्भ ओलम्पिक की शुरुआत हो चुकी है. इसमें हिस्सा ले रहे 209 देशों के 11,000 से अधिक खिलाड़ियों ने अपना जौहर दिखाना शुरू कर दिया है. अमेरिका की युवा निशानेबाज...

दलित आंदोलन से बैकफुट पर भाजपा

हाल ही में सहज रूप से शुरू हुए दलित आंदोलनों की लहर में एक खास भाजपा-विरोधी रंग है. चाहे वह रोहिथ वेमुला की सांस्थानिक हत्या पर देश भर के छात्रों का विरोध हो या फिर गुजरात में सबकी आंखों के सामने चार दलित नौजवानों...
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ओपीनियन

दिल्ली में बनेगा डॉ. आंबेडकर का स्मारक?

हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की मृत्यु के बाद उनके स्मारक की मांग उठाई जाने लगी। कांग्रेस पार्टी का कहना था...

राजनीति

जन्मदिन पर बसपा सुप्रीमो मायावती का ऐलान- बसपा का समय फिर से आएगा

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन मायावती का 15 जनवरी को जन्मदिन होता है। बसपा कार्यकर्ता इस दिन को जनकल्याणकारी दिवस के रूप...
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