खबर चलाने वाले खबर खा ले रहे हैं और डकार भी नहीं ले रहे। भारतीय मीडिया टीवी में दिनभर बैठ कर यह बात करता है कि अमेरिका जैसा एक दिन भारत होगा। लेकिन वही मीडिया, भारत के सबसे बड़े राष्ट्रनिर्माता के गौरव को छिपा...
अमेरिका के सिएटल शहर में जाति आधारित भेदभाव बैन होने के बाद अब दूसरी खबर हार्वर्ड युनिवर्सिटी से आई है। अमेरिका के बोस्टन में स्थित दुनिया की शानदार युनिवर्सिटी में से एक हार्वर्ड युनिवर्सिटी ने भी अपने नॉन डिस्क्रीमिनेशन पॉलिसी में जाति को भी...
आधुनिक भारतीय पुनर्जागरण के दो केंद्र रहे हैं- बंगाल और महाराष्ट्र। बंगाली पुनर्जागरण मूलत: हिंदू धर्म, सामाजिक व्यवस्था और परंपराओं के भीतर सुधार चाहता था और इसके अगुवा उच्च जातियों और उच्च वर्गों के लोग थे। इसके विपरीत महाराष्ट्र के पुनर्जागरण ने हिंदू धर्म,...
हिंदी दलित साहित्य की अवधारणा में नाटक या रंगमंच को देखे तो भारतीय समाज में जातियों के परस्पर टकराव झेलती जातियों का संघर्ष नजर आता है। यहाँ दर्द भी है और अधिकार की माँग भी। इसी चाह, आंदोलन और वैमनस्य तथा आक्रोश के गर्भ...
आज भारत में आर्थिक और सामाजिक विषमता जिस तरह शिखर पर पहुंची है;जिस तरह नीचे की प्रायः 50% आबादी महज 3% नेशनल वेल्थ पर गुजर-बसर करने के लिए विवश है;जिस तरह भारत नाइजीरिया को पीछे छोड़ते हुए दुनिया के ‘पॉवर्टी कैपिटल’ अर्थात ‘गरीबी की...
IIT बॉम्बे के 18 साल के छात्र दर्शन सोलंकी ने हॉस्टल की सांतवी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। बी.टेक का छात्र दर्शन सोलंकी अहमदाबाद का रहने वाला था। उसने तीन महीने पहले ही इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिला लिया था। 11 फरवरी को ही उसके...
फुले दंपति ने अपने जीवन के आधार पर यह आदर्श स्थापित किया कि पति-पत्नी का संबंध कैसे होना चाहिए।
दोनों ने हर स्तर पर बराबरी का जीवन जिया। उस रूढ़िवादी दमनकारी परम्परा में सही और स्वतंत्र सोच वाले इस दंपति-युगल ने इस अवधारणा को तोड़...
महाराष्ट्र का इतिहास प्राचीन है। अनेक घरानों की सत्ता महाराष्ट्र पर थी, जिनमें से सर्व प्रथम 'मौर्य' घरानों की सत्ता थी । इसके पश्चात सातवाहन,वाकाटक ,चालुक्य , राष्ट्रकूट , यादव,तुघलक,आदिलशाही,निजामशाही,वरिदशाही, कुतुबशाही, इमामशाही आदि प्रमुख घरानों की सत्ता आयी। इनमें से कई शासन में आम...
(मूल अंग्रेजी से हिन्दी अनुवाद: एस आर दारापुरी आईपीएस (से. नि.)
भगवत गीता के बारे में डॉ. अम्बेडकर क्या कहते हैं? वह विशेष रूप से गीता के बारे में अपनी पुस्तक 'प्राचीन भारत में क्रांति और प्रति-क्रांति' के एक अधूरे अध्याय में बात करते हैं (भाग III का अध्याय 9, जिसे आप...
वर्ष 1992 में मैंने अपने सुलतानपुर (उत्तर प्रदेश) प्रवास में एक कविता लिखी थी, ‘तब तुम्हारी निष्ठा क्या होती?’ उसे मैंने ‘नवभारत टाइम्स’ को भेजा। उन दिनों वहां विष्णु खरे संपादक थे। उन्होंने उसे ‘नवभारत टाइम्स’ के 31 मार्च, 1992 के रविवारीय अंक में प्रकाशित किया। उसे पढ़कर गिरीशचंद्र श्रीवास्तव और शिवमूर्ति जी मुझसे मिलने...
26 जनवरी आधुनिक भारतीय इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण तिथियों में एक है। इसी दिन 26 जनवरी 1950 को भारत को लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया था और भारतीय संविधान को पूरी तरह लागू किया गया था। हालांकि 26 नवंबर 1949 को ही भारतीय संविधान...
अगर दुनिया के अमीरों पर 5 फीसदी टैक्स लगा दिया जाए तो एक साल में करीब 1.7 ट्रिलियन डॉलर इकट्ठे किए जा सकते हैं, जो कि दुनिया के करीब 2 अरब लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाल सकते हैं। यह दिलचस्प आंकड़ा ऑक्सफैम...
शरद यादव (1 जुलाई 1947 - 12 जनवरी 2023) नहीं रहे। उनका आकस्मिक निधन बहुत दुखद और स्तब्धकारी है। अपनी लंबी अस्वस्थता से उबरकर वह धीरे-धीरे स्वस्थ और सक्रिय हो रहे थे। पिछले साल, मार्च में उन्होंने अपने दल-लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) का राष्ट्रीय...
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर निशाने पर हैं। वजह यह है कि उन्होंने रामचरित मानस और मनुस्मृति को नफरत फैलाने वाला और वंचितों से उनका हक छिनने वाला कह दिया। इसके बाद कोई उनकी चीभ काटने की बात कह रहा है तो कोई कह...
भारत और श्रीलंका के बीच 7 जनवरी, 2023 को खेेले टी-20 सीरीज के तीसरे और आखिरी मैच में जब सूर्य कुमार यादव ने 360 डिग्री घूम कर छक्का लगाया तो अचानक मुझे हिन्दी के एक मशहूर 'क्रिकेट-प्रेमी' संपादक की याद आयी. वह जीवित होते...
जी 20 की अध्यक्षता करने की बारी इस बार भारत को मिली है। 20 देशों के इस समूह में भारत भी एक है लेकिन डंका ऐसा पीटा जा रहा कि न तो भूतकाल में कभी ऐसा हुआ और न ही कभी भविष्य में होने...
फुटबाल विश्व कप का जश्न अपने शबाब पर है, ऐसे में यह विश्व कप भारत, नेपाल, बाग्लादेश और पाकिस्तान के जिन 7 हजार मजदूरों की कब्रों पर हो रहा है, उसकी चर्चा करना रंगे-पुते चेहरे के पीछे के घिनौने चेहरे को उघाड़ कर रख...
सवर्ण आरक्षण पर हिंदू जजों के अन्यायपूर्ण फैसले से ढेरों बहुजन बुद्धिजीवी आहत व विस्मित हैं,पर मैं नहीं! यही नहीं सदियों से आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षिक, धार्मिक इत्यादि, विविध क्षेत्रों में हिंदुओं अर्थात् सवर्णों ने शुद्रातिशुद्रो और महिलाओं के खिलाफ एक से बढ़कर एक अन्याय...
As an integral part of India's continued modernity, caste is not merely a phenomenon restricted to rural areas or in extreme cases manifested in caste-related violence. It is a part of everyday affairs in modern institutions, public spaces and community life, where it represents...
यह सर्वविदित है कि आरएसएस हमेशा से आदिवासियों को आदिवासी न कह कर वनवासी कहता है। इसके पीछे बहुत बड़ी चाल है जिसे समझने की ज़रूरत है। हमें उस चाल को समझना होगा। यह आलेख उसी चाल को समझाने के लिए लिखा जा रहा...