‘एक लाख दो नहीं तो अर्थी को कंधा नहीं मिलेगा’

छत्तीसगढ़। समाज के ठेकेदारों ने आदिवासी लड़की के साथ प्रेम विवाह करने पर लड़के को बिरादरी ने बहिष्कृत कर दिया. इसके बाद समाजिक ठेकेदार लड़के के परिवार को प्रताड़ित करते रहे. लड़के के परिवार वाले बिना गलती किए भी सालों से जुल्म सह रहे हैं और अब कलेक्टर के पास जाकर मदद की गुहार लगाई है. छत्तीसगढ़ के धमतरी के फुसेरा गांव निवासी भागीरथी साहू को परिवार सहित समाज से बहिष्कृत कर दिया गया है.

आदिवासी लड़की के साथ प्रेम विवाह करने पर गावं-समाज ने ऐसा कदम उठाया.

परिवार वालों का आरोप है कि अब समाज इस परिवार को फिर से अपनाने के एवज में एक लाख रुपये की मांग रहा है. पैसे नहीं देने पर इस परिवार में किसी की अर्थी को भी कंधा नही देने की धमकी दी गई है. पीड़ित परिवार ने जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.

चार साल पहले

बता दें कि चार साल पहले मजदूरी करने के लिए भागीरथी केशकाल गया और वहीं उसने सीता कंवर से प्रेम विवाह किया. हालांकि प्रेम विवाह करना कोई गुनाह नहीं है फिर भी समाज के ठेकेदार इसे गुनाह बताकर भागीरथी के परिवार को परेशान कर रहे हैं. बगैर किसी गुनाह के चार सालों से भागीरथी का परिवार सजा काट रहा है.

इतना ही नहीं जब भागीरथी के छोटे भाई की शादी हुई और समाज को खाना खिलाने के लिए भागीरथी के पूरे परिवार ने माफी मांगी और कुछ समाज के ठेकेदारों को 10 हजार रुपए दिए तब जाकर बात बनी.

अर्थी के लिए पैसा फिर कंधा…

बात यहीं तक नही रूकी है, एक बार दस हजार रुपए का स्वाद चखने के बाद समाज के ठेकेदारों को चस्का लग गया है. अब इनका कहना है कि आदिवासी लड़की के साथ शादी करने के कारण अब कोई भी भागीरथी के परिवार को मरने पर कंधा नहीं देगा. हां, यदि भागीरथी का परिवार इन ठेकेदारों को एक लाख रुपए देकर माफी मांगेगा तब जाकर बिरादरी में शामिल किया जाएगा.

प्रशासन दिलाएगी न्याय

धमतरी के कलेक्टर सीआर प्रसन्ना ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मामले की पड़ताल करने की बात कही है. कुरूद एसडीएम को पूरे मामले का समाधान करवाने के निर्देश दिये गए हैं. इसके अलावा हर संभव मदद की बात भी धमतरी कलेक्टर ने कही है. आशा है कि भागीरथी को जल्द ही न्याय मिलेगा.

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