कलबुर्गी। कर्नाटक और पी. सिद्दारमैया इन दिनों खूब चर्चा में है. दो दिन पहले कर्नाटक की राजधानी में वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या कर दी गई. गौरी लंकेश ब्राह्मणवाद और जातिवाद के खिलाफ लड़ने वाली निर्भीक पत्रकार और समाजसेविका थी. आप इस घटना से ही अंदाजा लगा सकते है कि जब एक पढ़-लिखे और जागरूक वर्ग के लोगों के साथ हिंसा हो रही है तो अन्य लोगों के साथ क्या होता होगा?
गौरी लंकेश की हत्या हुए अभी दो ही दिन हुए है. जातिवादियों एक और घटना को अंजाम दे दिया. मामला बेंगलुरू से 640 किलोमीटर दूर कलबुर्गी के चन्नूर गांव का. जहां जातिवादियों ने एक कुएं में जहर मिला दिया, ताकि इस कुएं के पानी को यहां रहने वाले दलित नहीं पी सके.
इस गांव में सात कुएं हैं, जिसमें से दलित समुदाय के लोगों को सिर्फ एक कुएं से पानी पीने की इजाजत है. यहां के दलितों की जिंदगी कितनी मुश्किल है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिस कुएं का पानी पीने की इजाजत सवर्णों ने इन्हें दी है वो कुआं इनके घरों से लगभग 200 मीटर दूर है.
दलितों को यहीं से पानी सप्लाई किया जा रहा था. गांव के बाकी कुओं पर सवर्णों का कब्जा है. पहले तो सब कुछ ठीक चला आ रहा था समस्या की शुरुआत तब हुई जब दलित जिस कुएं से पानी पी रहे थे उस जमीन का लीज एक उच्च जाति के व्यक्ति को दे दिया गया. इसके बाद दलितों को इस कुएं से पानी खींचने की मनाही कर दी गई. जमीन की लीज सवर्ण समुदाय के व्यक्ति को कैसे मिली इसकी पड़ताल हो रही है.
बाद में कुएं में एक मोटर पंप बिठाया गया और इसी के जरिये दलितों के घर तक पानी की सप्लाई की जाने लगी. कुछ दिन पहले महंतप्पा नाम का एक दलित कुएं से पानी लाने गया क्योंकि बिजली ना होने की वजह से कई दिनों से पानी की सप्लाई नहीं हुई थी. लेकिन इस शख्स ने देखा कि कुएं से तेज बदबू आ रही है. इस शख्स ने तुरंत इस बात की सूचना दलित समुदाय के अन्य लोगों को दी. जांच में पता चला कि कुएं के पानी में इंडोसल्फान नाम का जहरीला केमिकल मिलाया गया था. पुलिस ने शिकायत के बाद कुएं के मालिक के खिलाफ दलित उत्पीड़न एक्ट की धारा-3 के तहत केस दर्ज कर लिया है.
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it is very surprising such things are happening aaj ke yug mai bhi…..these so called upper caste peoples are realy taliban….and they called others taliban…..