
लखनऊ। सवर्णों के अत्याचार से तंग आकर उत्तर प्रदेश के दलित हिंदू धर्म छोड़ रहे हैं. हरियाणा के बाद यूपी के करीब आधा दर्जन दलित परिवारों ने बौद्ध धर्म अपनाया. हिंदू धर्म छोड़ने वाले दलितों का कहना है कि हिंदू धर्म के लोग सिर्फ उनका इस्तेमाल करते हैं, अत्याचार करते हैं. ऐसे धर्म में रहने का कोई मतलब नहीं है.
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के अमीनगर सराय में सिंघावली अहीर गांव के आधा दर्जन दलित परिवारों ने धर्म परिवर्तन करते हुए बौद्ध धर्म अपना लिया. अमर उजाला की खबर के अनुसार बौद्ध संत प्रियंतीस भंते ने इन्हें दीक्षा दी. वहीं धर्म में शामिल करने के प्रमाणपत्र भी सौंपे. धर्म परिवर्तन करने वाले परिवारों का कहना है कि दलितों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं. इसी की वजह से यह कदम उठाया गया है. रविवार को धर्म परिवर्तन करने वाले मुन्ना लाल, बाबू, अजीत, अजय, मोनू, सोनू ने कहा कि समाज पर हर रोज अत्याचार हो रहे हैं. आज भी उन्हें छूआछूत की नजरों से देखा जाता है. कहीं भी उनकी सुनवाई नहीं होती. ऊंची जाति के लोग उन्हें हीन भावना से देखते हैं.
जबकि ग्राम प्रधान सतवीर यादव ने बताया कि बौद्ध धर्म दलितों ने क्यों अपनाया है इसकी जानकारी नहीं है. गांव में तो आज तक कोई उन पर अत्याचार भी नहीं हुआ है. वह हमेशा उनके पक्ष में खड़े रहे हैं. शनिवार को दूसरे समुदाय के व्यक्ति से मामूली विवाद में झगड़ा हो गया था, जिसको शांत कराया. वैसे यहां पर दलितों को करीब 200 परिवार रहते हैं. संभावना है कि इसके बाद अन्य दलित भी बौध्द धर्म का रास्ता अपनाएंगे.
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