बेंगलुरु। केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का सोमवार तड़के चार बजे यहां निधन हो गया. वे 59 साल के थे. कुछ महीनों से फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित थे. अक्टूबर में न्यूयॉर्क से इलाज कराकर लौटे थे. दोबारा तबीयत बिगड़ने पर उन्हें बेंगलुरु के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था. उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. उनकी पार्थिव देह बेंगलुरु स्थित घर पर अंतिम दर्शन के लिए रखी गई है. वे 1996 से 2014 के बीच बेंगलुरु दक्षिण सीट से छह बार लोकसभा सदस्य चुने गए थे. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वे सबसे युवा मंत्री थे.
अनंत कुमार के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने शोक जताया. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- “अनंत कुमार के निधन की खबर सुनकर बेहद दुख हुआ. उन्होंने भाजपा की लंबे अरसे तक सेवा की. बेंगलुरु उनके दिल और दिमाग में हमेशा रहा. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और उनके परिवार को साहस दे.”
आज राष्ट्रध्वज आधा झुका रहेगा
केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, अनंत कुमार के निधन पर सोमवार को देशभर में राष्ट्रध्वज आधा झुका रहेगा. वहीं, कर्नाटक सरकार ने राज्य में तीन दिन का शोक और सोमवार का अवकाश घोषित किया है. उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.
अनंत के पास दो विभागों का प्रभार था
मोदी सरकार में कुमार के पास दो मंत्रालय की जिम्मेदारी थी. वे 2014 से रसायन एवं उर्वरक मंत्री थे. इसके अलावा उन्हें जुलाई 2016 में संसदीय मामलों की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी. अनंत कुमार वाजपेयी सरकार में मार्च 1998 से अक्टूबर 1999 तक नागरिक उड्डयन मंत्री भी रहे. उनका जन्म 22 जुलाई 1959 को बेंगलुरु में हुआ था. उन्होंने केएस ऑर्ट कॉलेज हुबली से बीए किया था. इसके बाद जेएसएस लॉ कॉलेज से एलएलबी की थी. उनके परिवार में पत्नी तेजस्विनी, दो बेटियां ऐश्वर्या और विजेता हैं.
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