अगरतला। त्रिपुरा में इंडिजीनस पीपुल्स फ्रंट आफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के आंदोलन को कवर करने गये टीवी पत्रकार की हत्या कर दी गयी. पुलिस अधीक्षक अभिजीत सप्तर्षि ने बताया कि ‘दिनरात’ न्यूज चैनल के पत्रकार शांतनु भौमिक मंडई में आईपीएफटी के सड़क जाम तथा आंदोलन को कवर रहे थे. उसी दौरान उन पर पीछे से हमला किया गया और उनका अपहरण कर लिया गया.
अभिजीत सप्तर्षि ने कहा कि बाद में भौमिक का पता लगा और उनके शरीर पर चाकू से हमले के कई निशान थे. उन्हें तत्काल अगरतला मेडिकल कालेज अस्पताल ले जाया गया जहां डक्टरों ने उन्हें मृत लाया घोषित कर दिया. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बादल चौधरी ने उनकी हत्या की निंदा की. राज्य के सूचना मंत्री भानूलाल साहा अस्पताल गए. पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंडई में स्थिति तनावपूर्ण है और क्षेत्र में पहले से ही धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है. वहां अतिरिक्त पुलिस बल भेजे जा रहे हैं.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि त्रिपुरा राजेर उपजाति गण मुक्ति परिषद (टीआरयूजीपी) के समर्थक जीएमपी की एक रैली में शामिल होने के लिए अगरतला जा रहे थे और खोवई में बस स्टैंड पर इकट्ठा हुए थे. वहां इंडीजिनस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के कार्यकर्ताओं का एक समूह भी मौजूद था, जिन्हें रैली के बारे में पता चला और वे कथित रूप से भड़क गए.
उन्होंने बताया कि तब अन्य लोगों ने बीच-बचाव किया और बात नहीं बढ़ी. लेकिन जब बस छानखोला गांव से कुछ दूरी पर थी तब जंगल में छिपे आईपीएफटी के कुछ कार्यकर्ताओं ने वाहन पर हमला किया. उन्होंने जीएमपी कार्यकर्ताओं पर लोहे की छड़ों और डंडों से हमला किया. मंडाई में भीड़ को इकट्ठा होने से रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज का सहारा लिया. इसी घटना के दौरान आईपीएफटी के कार्यकर्ताओं ने 28 वर्षीय शांतनु भौमिक को मौत के घाट उतार दिया.
बता दें ये ऐसा पहला मामला नहीं है जब किसी पत्रकार को निशाना बनाया गया हो. इससे पहले कन्नड़ की वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की कुछ बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
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