हिन्दुस्तान का गोत्र कॉपर है, जाति मर्करी और धर्म सल्फेट….

पुष्कर में खुलासा होता है कि राहुल गान्धी का गोत्र दत्तात्रेय है. हमारे पीएम प्रत्याशी मोदी चुनाव प्रचार के दौरान पूर्वांचल पहुंच कर अपनी जाति का ऐलान करते है. हम राहुल के गोत्र पर सवाल खडा करते है. ये गोत्र और जाति ही हिन्दुस्तान का, हिन्दुस्तान के लोगों का मुस्तकबिल तय कर रह है. तो जान लीजिए फिर कि असलियत क्या है?

असलियत ये है कि हिन्दुस्तान का गोत्र कॉपर है, जाति मर्करी और धर्म सल्फेट. ये सच आपको न मोदी बताएंगे, न राहुल. ये बताने की औकात इन दोनों में क्या, किसी नेता में नहीं है, किसी राजनीति में नहीं है. ये सच आपको ही बताना होगा. ये सच आपको ही समझाना होगा, समाज को, राजनीति को.

एनजीटी ने पश्चिम यूपी के 6 जिलों (हिंडन नदी समेत आसपास के जिले) के ग्राउंड वाटर सैपल का परीक्षण किया. परीक्षण रिपोर्ट बताती है कि पानी का हाल ऐसा है, जिसे पीना तो दूर, उसमें घंटों तक पैर भी रखे रहे तो उंगलियां काटने की नौबत आ जाएगी.

खबर बीबीसी में छपी है. आपको बीबीसी का नाम सुन कर देशद्रोही मीडिया का ख्याल आ सकता है, तो जान लीजिए कि मूल रिपोर्ट एनजीटी की है. स्वीकार कर लीजिए सच को. इस बात से कोई फर्क नहीं पडेगा कि रिपोर्ट छपी कहां है?

क्या कहती है ये रिपोर्ट? 6 जिलों के 168 जगहों से लिए गए 500 से अधिक पानी के सैंपल में औसत से 200 गुना अधिक कैडमियम, कॉपर, शीशा, मर्करी, सल्फेट, आयरन आदि पाए गए है. यानी इसमें इतना हैवी मेटल है, जिसे पी कर आम इंसान भी बीमार हो जाए. और ऐस हो भी रहा है. गांव के गांव बीमार हो रहे है.

तो ये मुद्दा राजनीति का नहीं है क्या? राहुल गांधी के दत्तात्रेय गोत्र जानने से अधिक जरूरी ये जानना नहीं है कि हमरे पानी में मर्करी या आर्सेनिक कितना है? मोदी जी चाय बेचते थे ये जानना जरूरी है या फिर ये जानना जरूरी है कि पानी बेचने वाले आखिर कहां से साफ पनी ला कर बेच रहे है और कौन हमारे पानी को बीमार बना रह है?

याद रखिए, न मोदी जी में इतनी ताकत है कि वे पानी के सौदागरों के खिलाफ बोल सके न राहुल गांधी में वो नैतिक बल है कि पानी को प्रदूषित करने वालों के खिलाफ हल्ला बोल सके.

तो आप क्या करेंगे? हम क्या करेंगे? राजनीति का रोना रोएंगे? बोलेंगे कि राजनीति यही है. राजनीति ऐसे ही होती है. नहीं जनाब. राजनीति ऐसे नहीं होती है. ऐसे तो सिर्फ हमारे-आपके खिलाफ, जनता के खिलाफ साजिशें रची जाती है. जो हो रही है.

जिस दिन हम राहुल के गोत्र और मोदी के चाय बेचने की महागाथा जानने की जगह हिन्दुस्तान का गोत्र समझ लेंगे, उसी दिन राजनीति भी बदल जाएगी. राजनीति का एजेंडा भी बदल जाएगा….

याद रखिए, हिन्दुस्तान का गोत्र कॉपर है, जाति मर्करी और धर्म सल्फेट….
— शशि शेखर के फेसबुक वॉल से

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