कोपल। भाजपा के राज्य मंत्री अनंत कुमार हेगड़े के एक बयान से सियासत में उबाल आ गया है. हेगड़े के बयान की संविधान में आस्था रखने वाले तमाम लोगों ने निंदा की है. भाजपा के इस मंत्री ने अपने बयान में कहा है कि भाजपा संविधान बदलने के लिए पावर में आई है और आने वाले समय में जल्दी ही ऐसा होगा. कर्नाटका के कोपल जिले में ब्राह्मण युवा परिषद की एक बैठक में हेगड़े ने यह बात कही.
इस दौरान मंत्री ने देश में धर्मनिरपेक्षता की वकालत करने वाले लोगों पर भी निशाना साधा. हेगड़े ने सेकुलर लोगों का मजाक उड़ाते हुए कहा कि जब कोई यह कहता है कि वह मुस्लिम है, क्रिश्चियन है, लिंगायत हैं या फिर हिन्दू है तो मुझे खुशी होती है क्योंकि वे अपने बारे में जानते हैं. जबकि जो यह कहते हैं कि वो सेकुलर हैं वो खुद को और अपने खून को नहीं जानते. हेगड़े यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि संविधान धर्मनिरपेक्षता की बात करता है इसलिए इसे स्वीकार करना चाहिए। तो मैं संविधान की इज्जत करता हूं लेकिन यह पहले कई बार बदला जा चुका है और भविष्य में फिर से बदला जाएगा। हम सरकार में संविधान बदलने के लिए ही आए हैं और ऐसा करेंगे.
विवादित बयान देने वाले अनंत कुमार हेगेड़े कर्नाटक के उत्तर कनाडा पांच बार से सांसद हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने बीते अगस्त में मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान उन्हें राज्यमंत्री बनाया था. कर्नाटक में अगले साल चुनाव होने हैं और उसी को ध्यान में रखते हुए हेगड़े को मंत्री बनाया गया था। लगता है भाजपा में किसी नेता को तभी प्रोमोशन मिलता है या फिर वो तभी महत्वपूर्ण माना जाता है, जब वो कोई विवादित बयान दे दे, क्योंकि विवादित बयान देना और संविधान पर सवाल उठाना भाजपा नेताओं का शगल बनता जा रहा है.
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।