वर्धा के बौद्ध अध्ययन केन्द्र के अध्‍ययन-अध्‍यापन का दसवें वर्ष का समारोह सम्‍पन्‍न 

वर्धा। 5 सितंबर 2018: महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय के डॉ. भदन्‍त आनंद कौसल्‍यायन बौद्ध अध्‍ययन केंद्र में अध्‍ययन अध्‍यापन के दस वर्ष पूरे होने पर 5 सितंबर को कुलपति प्रो. गिरीश्‍वर मिश्र की मुख्‍य उपस्थिति में समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्‍यक्षता संस्‍कृति विद्यापीठ के अधिष्‍ठाता प्रो. एल. कारुण्‍यकारा ने की. इस अवसर पर प्रतिकुलपति प्रो. आनंद वर्धन शर्मा एवं वरिष्‍ठ प्रोफेसर मनोज कुमार विशिष्‍ठ अतिथि के रूप में तथा केंद्र के संस्‍थापक प्रो. एम. एल. कासारे मुख्‍य वक्‍ता के रूप में उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन केंद्र प्रभारी निदेशक डॉ. सुरजीत कुमार सिंह ने किया. बुद्ध वंदना से कार्यक्रम का प्रारंभ भिक्षु राकेश आनंद एवं मुदिता बोधी ने की.

नागपुर में अशोक विजयदशमी के दिन 14 अक्टूबर, 1956 को बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर ने अपने लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धम्म की दीक्षा ली थी. उसी ऐतिहासिक स्थल से मात्र 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है वर्धा. जहाँ वर्धा की राष्‍ट्रभाषा प्रचार समिति द्वारा 14 अप्रैल, 2004 को बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर की जयंती के दौरान कार्यक्रम के अध्‍यक्ष व महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिन्‍दी विश्‍वविद्यालय के तत्‍कालीन कुलपति प्रो. जी. गोपीनाथन द्वारा भारतीय संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. आंबेडकर के अगाध हिंदी-प्रेम एवं हिंदी के प्रति उनकी सं‍वैधानिक प्रतिबद्धता को देखकर और भारत में बौद्ध धम्‍म एवं दर्शन को पुनर्जीवित करने के, उनके कार्य को सुदृढ़ आधार प्रदान करने के लिए विश्‍वविद्यालय में ‘डॉ. भदन्‍त आनन्‍द कौसल्‍यायन बौद्ध अध्‍ययन केन्द्र’ की आधारशिला रखी गई. इसका प्रस्ताव महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा और राष्ट्र भाषा प्रचार समिति, वर्धा द्वारा अगले वर्ष 2005 में डॉ. भदंत आनंद कौसल्यायन की जन्मशताब्दी समारोह 29-30 मार्च, 2005 को मनाते हुए, एक प्रस्ताव पारित किया कि वर्धा में उनके नाम से एक बौद्ध अध्ययन केंद्र स्थापित किया जाए. इस केंद्र की स्थापना का प्रस्ताव को महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की नई दिल्ली में आयोजित चौथी विद्या परिषद ने तत्‍कालीन कुलपति प्रो.जी.गोपीनाथन की अध्यक्षता में 14 जुलाई, 2005 को पास किया. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली की इपोक मेकिंग सोशल थिंकर्स योजना के अंतर्गत 11वीं पंचवर्षीय योजना में अनुदान की स्‍वीकृति मिली. 05 अक्‍टूबर, 2008 को विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्‍यक्ष प्रो. सुखदेव थोरात ने वर्धा आकर केंद्र के प्रथम पाठ्यक्रम बौद्ध अध्‍ययन में स्‍नातकोत्‍तर डिप्‍लोमा की कक्षायें विधिवत आरंभ करने का उद्घाटन किया.

Read it also-8वीं पास के लिए 16 हजार की नौकरी यहां है

  • दलित-बहुजन मीडिया को मजबूत करने के लिए और हमें आर्थिक सहयोग करने के लिये आप हमें paytm (9711666056) कर सकतें हैं। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.