जनजाति समाज के शिक्षक ने लगाई गुहार… मुझे प्रिंसिपल से बचाओ

 

मान्यवर जी,
मैं आपको सूचित करना चाहता हूँ कि मैं राजकीय सर्वोदय बाल विद्यालय, डी-ब्लॉक,जनकपुरी नई दिल्ली-110058 में व्याख्याता-हिंदी के पद पर कार्यरत था और पूर्ण निष्ठा व लग्न से अपने शैक्षिक कर्तव्यों का निर्वहन कर रहा था लेकिन अनुसूचित जनजाति(ST)से सम्बन्ध रखता हूँ और प्रधानाचार्य जी इसी कारण मुझे हेय दृष्टि से देखते थे. मेरी शैक्षिक क्षमताओं पर सवालिया निशान लगाते थे,कक्षा में मेरे साथ दुर्व्यवहार करते थे तथा स्टाफ के समक्ष भी मुझे नीचा दिखाते थे.

इसके अतिरिक्त विद्यालय में कुछ ऐसी गलत परम्पराएं चल रही थी जिनका समर्थन करना मेरे लिए मुश्किल था,इस कारण भी प्रधानाचार्य जी मेरे प्रति दुर्भावना पाल कर बैठे थे और इसी कारण छात्रों के समक्ष तथा कक्षा में कक्षा जांच की आड़ में मुझे तरह तरह से परेशान किया गया. इसका मैंने विरोध भी किया लेकिन प्रधानाचार्य जी ने शिक्षकों को अनेक प्रकार के प्रलोभन देकर चुप कर रखा है और कुछ प्रधानाचार्य जी के डर के कारण सच को बयां नहीं करते. मैंने सभी जगह इसकी शिकायत की लेकिन कोई भी कार्यवाही नहीं हुई.

मैं क्रमशः सभी सबूत भेज रहा हूँ जो प्रधानाचार्य जी के तानाशाहीपूर्ण रवैये तथा मेरे प्रति दुर्व्यवहार को साबित कर देंगे.
शिक्षक सत्य को बयां न करे इसके बदले में उन्हें 6:30 PM के बजाय 6:00 PM पर ही विद्यालय छोड़ने की खुली छूट दी जाती है ताकि शिक्षक आराम से 6:10 PM पर दिल्ली कैंट रेलवे स्टेशन से गुड़गांव,रेवाड़ी,अलवर को जाने वाली ट्रेन को आराम से पकड़ कर उसमें जा सके . यह एक तरह से प्रधानाचार्य जी द्वारा अपने पद का दुरुपयोग व सेवा नियमों का खुला उलंघन है.

मैं आपको मेरे द्वारा अब तक शिक्षा निदेशालय,राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग व माननीय उप मुख्यमंत्री जी को भेजी गई शिकायत की छायाप्रति, शिक्षकों के बयानों की रिकॉर्डिंग्स, प्रधानाचार्य जी के अपमानजनक भाषण,जिसमें उन्होंने छात्रों को ‘हरामी’ कहा तथा उनके माता-पिता को भिखारी के समान बताया,छात्रों के समक्ष ही शिक्षकों के बारे में कहा कि “बच्चों तुम्हारे शिक्षक बुड्ढे हो चुके है,इनकी जांघो में दम नहीं रहा,ये तुम्हारा कुछ भी भला नहीं करेंगे,अपना भला खुद ही कर लो.”

इसके अतिरिक्त भाषण में छात्रों से ‘हरामी’ कहा तथा उनके माता-पिता के बारे में कहा कि “भिखारी के जैसे आकर खड़े हो जाते है.”

इस अपमानजनक भाषण की रिकॉर्डिंग भी भेज रहा हूँ. इस तरह की अभद्र भाषा इस्तेमाल प्रधानाचार्य जी खुलेआम प्रार्थना स्थल पर करते है, इसके बावजूद शिक्षकों ने जांच टीम के समक्ष झूँठ बोला. जांच टीम ने भी मेरे द्वारा बताए गए सबूतों को दरकिनार करके मामले को दबाने की कोशिश की तथा एक झूँठी रिपोर्ट तैयार की.

अब प्रधानाचार्य जी शिक्षकों को खुलेआम 6:00 PM पर ही छोड़ देते है जबकि विद्यालय का समय 6:30 PM का है . प्रधानाचार्य जी इनको इसलिए छोड़ते है ताकि ये शिक्षक सत्य को न बोले.

अतः माननीय जी मैं कुछ शिक्षकों के बयानों की रिकॉर्डिंग तथा विद्यालय समय से पूर्व जाते हुए शिक्षकों की वीडियो रिकॉर्डिंग भेज रहा हूँ . विद्यालय के निर्धारित समय से पूर्व विद्यालय को छोड़ने के लालच में ये शिक्षक अपना जमीर बेचते थे और इस कारण गवाओं के अभाव में मैंने और मेरे परिवार ने अत्यधिक पीड़ा का सामना का किया है.

अतः आपसे गुजारिश है कि आप मामले को संज्ञान में लेकर उचित व आवश्यक कार्यवाही करें तथा आपकी पत्रिका में इस मामले को जगह देने का कष्ट करें तथा मुझे न्याय दिलाने का कष्ट करें .
आपकी अति कृपा होगी.
सधन्यवाद!

भवदीय
हरि सिंह मीन-व्याख्याता-हिंदी
(अनुसूचित जनजाति कर्मचारी)
राजकीय सर्वोदय बाल विद्यालय, निहाल विहार,
नांगलोई,नई दिल्ली-110041.

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