दूसरे चरण की वोटिंग: सबसे अधिक फायदा या नुकसान माया का, ‘मुस्लिम-दलित’ गठजोड़ का भी टेस्ट

मथुरा। लोकसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण का मतदान जारी है. यूपी की 8 सीटों पर मतदान हो रहे हैं और इसमें से 6 सीटें गठबंधन के लिहाज से बीएसपी के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं. खासकर ब्रज क्षेत्र में गठबंधन के लिए ‘मुस्लिम-दलित’ वोटरों के गठजोड़ का भी टेस्ट होगा. एसपी-बीएसपी के साथ आने से गठबंधन को इस वोट बैंक (मुस्लिम-दलित) को साथ रखने की उम्मीद है. बीएसपी चूंकि यहां 8 में से 6 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती उसी के सामने है. गठबंधन की सहयोगी एसपी हाथरस सीट से जबकि मथुरा की सीट से आरएलडी चुनाव लड़ रही है.

दरअसल, जिन 8 सीटों पर दूसरे चरण के तहत मतदान हो रहे हैं, उनमें से 5 सीटों पर मुस्लिम मतदाताओें की संख्या 20 फीसदी से अधिक है. वहीं 8 में से 4 सीटें एससी के लिए आरक्षित हैं. आगरा को तो उत्तर भारत का दलित कैपिटल तक कहा जाता है. वहीं नगीना सीट की बात करें तो यहां दलित और मुस्लिम वोटर 60 फीसदी से अधिक हैं. इसी तरह अमरोहा में करीब 55 फीसदी जबकि आगरा और अलीगढ़ में करीब 50 फीसदी मतदाता दलित और मुस्लिम समाज से हैं. गठबंधन में मायावती को ये सीटें मिली थीं.

यही वजह है कि पिछले दिनों एक रैली में मायावती ने मुस्लिम वोटरों से सीधे-सीधे पार्टी को वोट देने और अपना वोट बंटने नहीं देने की अपील कर दी थी. हालांकि बाद में चुनाव आयोग ने सख्ती दिखाते हुए 48 घंटे तक उनके चुनाव प्रचार पर बैन लगा दिया था.

8 सीटों पर 85 प्रत्याशी आमने-सामने

दूसरे चरण के मतदान के तहत गुरुवार को बॉलिवुड के दो दिग्गज भी मैदान में हैं. मथुरा से हेमा मालिनी चुनावी मैदान में हैं तो फतेहपुर सीकरी से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर किस्मत आजमा रहे हैं. आठ सीटों पर कुल 85 प्रत्याशी मैदान में हैं. अगर 2014 लोकसभा चुनाव की बात करें तो इन सभी आठ सीटों पर बीजेपी ने कब्जा किया था. हालांकि इस बार एसपी-बीएसपी और आरएलडी साथ हैं. उधर, कांग्रेस भी खोए जनाधार को वापस लाने के लिए चुनाव प्रचार में जोर-शोर से जुटी है.

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