दलित छात्रावासों के लिए चालू हुई सस्ते अनाज की स्कीम

दलित हितों के मद्देनजर सरकार ने दलित छात्रावासों को सस्ता अनाज देने की योजना पूरे देश में शुरु करने का फैसला किया है. इसका लाभ तकरीबन एक करोड़ अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के छात्रों के साथ उन अल्पसंख्यक छात्रों को भी मिलेगा, जो पिछड़े वर्ग में शुमार हैं. उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे बड़े राज्यों को इस योजना का लाभ पहली बार मिलना शुरु होगा.

केंद्रीय खाद्य मंत्रालय की यह योजना कुछ सीमित राज्यों में पहले से चल रही है. लेकिन इसका लाभ ज्यादातर बड़े राज्यों के दलित छात्रों को नहीं मिल रही है. इसके मद्देनजर सरकार ने इसका दायरा बढ़ाकर इसमें सबको शामिल करने का फैसला किया है. इसके तहत उन छात्रावासों को भी इसका पूरा लाभ मिलेगा, जिनमें दलित छात्रों की संख्या दो तिहाई या इससे अधिक होगी.

योजना के तहत छात्रावास में रहने वाले प्रत्येक छात्र को 15 किलोग्राम की दर से अनाज की आपूर्ति की जाएगी. इसके लिए गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) वाले उपभोक्ताओं को दिये जाने वाले के मूल्य पर अनाज दिया जाएगा. बीपीएल दर के हिसाब से गेहूं 4.15 रुपये प्रति किलो और चावल 5.65 रुपये प्रति किलो पर दिया जाएगा. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत दो रुपये किलो गेहूं और तीन रुपये किलो चावल देने का प्रावधान है, लेकिन बीपीएल की दर पर राज्यों को अतिरिक्त अनाज की आपूर्ति की जाती है.

यह योजना जिन आठ राज्यों में संचालित होती है, उनमें आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्य प्रदेश,नगालैंड, तेलंगाना, त्रिपुरा और दादरा नगर हवेली प्रमुख हैं. इस योजना में फिलहाल 13 लाख 83 हजार 843 टन अनाज की आपूर्ति की जा सकती है. इनमें बिहार को 1.37 लाख टन अनाज मिलेगा, जबकि उत्तर प्रदेश को 2.24 लाख टन अनाज मिल सकता है.

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