नई दिल्ली। तमिलनाडु में 30 प्रतिशत कॉर्पोरेशन टैक्स के विरोध में पिछले तीन दिनों से सिनेमा घरों के मालिक हड़ताल पर है. इस बीच तमिल सुपर स्टार रजनीकांत भी इसके विरोध में उतर आए हैं. रजनीकांत ने कहा है कि सरकार इस मुद्दे पर एक बार फिर विचार जरूर करें. रजनीकांत ने इस हड़ताल का विरोध करते हुए ट्वीट किया है कि ‘राज्य के लाखों लोगों की जिंदगी फिल्म इंडस्ट्री पर टिकी हुई है और मैं सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस पर फिर से एक विचार करें’.
आपको बता दें कि रतजनीकांत फिलहाल अमेरिका में अपने मेडिकल चैक-अप के लिए गए हुए हैं. बता दें कि इस मुद्दे पर तमिलनाडु की फिल्म इंडस्ट्री बंटी हुई दिख रही है. कई तमिल फिल्म स्टार ने इसका विरोध किया है तो कई प्रसिद्ध कलाकार इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है.
तमिल फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अबामी रामनाथन ने इसका विरोध करते हुए है कि ‘वस्तु सेवा कर’ और ‘मनोरंजन टैक्स’ मिलाकर कुल 58 प्रतिशत टैक्स होता है. ऐसे में कोई भी इस प्रकार के टैक्स के अंतर्गत सिनेमा घरों को नहीं चला सकता.
इससे तो पूरी फिल्म इंडस्ट्री खत्म हो जाएगी. आपको बता दें कि सिनेमा मालिकों के हड़ताल पर जाने की वजह से राज्य की फिल्म इंडस्ट्री को हर रोज 4 करोड़ रूपये का नुकसान हो रहा है. इस बीच विपक्ष पार्टी डीएमके ने भी इस प्रकार के टैक्स का विरोध करते हुए सरकार पर जीएसटी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है.
इससे पहले राज्य के एक और सुपर स्टार कमल हसन ने इस प्रकार के टैक्स पर मोर्चा खोलते हुए कहा था कि जल्द ही पूरी फिल्म इंडस्ट्री एक साथ बाहर आएगी और इसके खिलाफ एक आवाज में बोलेगी. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जो तमिल स्टार जल्लीकट्टू के विरोध में तमिलनाडु लोगों के साथ खड़े थे वो इस मुद्दे पर बिल्कुल चुप्पी साधे बैठे हैं.
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।