हिमाचल प्रदेश।16 फरवरी को जब देश भर में नीरव मोदी द्वारा पंजाब नेशनल बैंक से हजारों करोड़ रुपये गबन करने की खबर से हड़कंप मचा था, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश भर के बच्चों के साथ ‘परीक्षा पर चर्चा’ कर रहे थे. लेकिन पीएम मोदी के इस कार्यक्रम पर कलंक लग गया है. हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में परीक्षा पर चर्चा के दौरान चेस्था ग्राम पंचायत में दलित बच्चों को घोड़े के अस्तबल में बैठाने की खबर है.
असल में कार्यक्रम को टीवी पर देखने के लिए बच्चों को गर्वनमेंट हाई स्कूल, कुल्लू के स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के हेड के घर बुलाया गया था. इस दौरान सामान्य वर्ग के बच्चे घर के अंदर चले गए जबकि दलित समाज के बच्चों को मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष के घर के बाहर अस्तबल में घोड़े की लीद के बीच बैठाया गया. बच्चों ने इस संबंध में शुक्रवार को कुल्लू के डिप्टी कमिश्नर युनूस को लिखित शिकायत दी, जिसके बाद मामला गरमा गया.
बच्चों का आरोप है कि टीचर मेहरचंद ने उन्हें बाहर अस्तबल में बैठने को कहा. बच्चों ने यह भी आरोप लगाया कि टीचर ने उन्हें बीच से प्रोग्राम छोड़कर नहीं जाने को लेकर भी हिदायत दी. इस दौरान बच्चे अस्तबल के दुर्गंध से परेशान रहे. इस घटना के बाद बच्चों से भेदभाव के अन्य मामले भी खुलने लगे. बच्चों का आरोप है कि उन्हें मीड डे मिल के दौरान भी जातिगत भेदभाव झेलना पड़ता है और अलग बैठाया जाता है.
घटना सामने आने के बाद स्थानीय अनुसूचित जाति कल्याण संघ ने विरोध प्रदर्शन किया, और स्कूल के प्रधानाचार्य राजन भारद्वाज और कुल्लू के डिप्टी डायरेक्टर एजुकेशन जगदीश पठानिया के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
प्रधानाचार्य राजन ने हालांकि घटना को लेकर मांफी मांगी है और भविष्य में ऐसा नहीं होने देने की बात कही है. मामला बढ़ने के बाद राज्य के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने इस बारे में शिक्षा विभाग के सचिव से रिपोर्ट मांगी है. जहां तक प्रधानमंत्री मोदी की बात है तो जैसे वो नीरव मोदी के मामले पर चुप हैं, वैसे ही अपने ही कार्यक्रम के दौरान दलित बच्चों के साथ हुए इस अमानवीय व्यवहार पर उनकी कोई टिप्पणी सामने नहीं आई है.
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