नई मिसालः भारतीय संविधान को साक्षी मानकर रचाई शादी

सामाजिक परिवर्तन के लिए संघर्षरत बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच/बहुजन फाउंडेशन के संयोजक/संस्थापक कुलदीप कुमार बौद्ध व अनुराधा बौद्ध ने अनोखी शादी कर एक मिसाल पेश की है. इन दोनों ने भारतीय संविधान को साक्षी मानकर बौद्ध रीति रिवाज से शादी की. यह शादी पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय रही. नव दम्पति ने भारतीय संविधान को साक्षी मानकर शादी करने पर कहा कि भारतीय संविधान की बदौलत ही हमें हमारे सारे अधिकार मिलते हैं, विवाह करने की अनुमति यानि की विवाह अधिनियम भी भारतीय संविधान से ही मिलता है. भारतीय संविधान हमारे लिए सर्वोपरि है, इसलिए हम लोगों ने भारतीय संविधान को साक्षी मानकर शादी की है.

आपको बता दें की कुलदीप कुमार बौद्ध एक दलित सामाजिक कार्यकर्ता हैं जो बुंदेलखंड जैसे अति पिछड़े क्षेत्र में दलितों,पिछड़ों, वंचितों व महिलाओं के हक़ अधिकार व सम्मान के लिये बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच और बहुजन फाउंडेशन संगठन के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन व दलित मानवाधिकार के लिए संघर्षरत है. वही अनुराधा बौद्ध अभी पढ़ाई कर रही हैं, दोनों ने मिलकर संविधान को साक्षी मानकर बौद्ध रीतिरिवाज से शादी कर इस सामाजिक आन्दोलन के कारवां को एक साथ मिलकर आगे बढ़ाने का भी संकल्प लिया है. समारोह के दौरान उपस्थित लोगों के लिए यह एक बड़ा उदाहरण था. जिले में पहली बार किसी दंपत्ति ने संविधान को साक्षी मानकर शादी किया था. एक तरफ लोगों ने इस कदम की बहुत सराहना की वहीं कुछ लोगों के बीच आज भी ये चर्चा का विषय बना हुआ है. इस शादी समारोह में विभिन्न जिलों व प्रदेशों के लोग शामिल रहे व इस एतिहासिक शादी के गवाह बने.

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