मीडिया से लेकर पंजाब और हरियाणा में ऐसी चर्चा है कि डेरा सच्चा सौदा की नई चीफ बाबा की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत इंसा होगी. हनीप्रीत बाबा की वही मुंहबोली बेटी है जिसके बाबा के साथ संबंध होने की बात कही जा रही है. हनीप्रीत वही लड़की है, जिसे गुरमीत राम रहीम के साथ सरकारी हेलिकॉप्टर पर देखा गया था.
हनीप्रीत का असली नाम प्रियंका तनेजा है. फेसबुक पर हनीप्रीत खुद को पेशे से समाज सेविका, डायरेक्टर, एडिटर और एक्ट्रेस, पापा की परी बेटी लिखती हैं. असल में हनीप्रीत हमेशा से सुर्खियों में रही है. युवाओं को डेरा से जोड़ने में हनीप्रीत की प्रमुख भूमिका रही है. हनीप्रीत के डेरा सच्चा सौदा में कद को इस बात से समझा जा सकता है कि वह युवाओं को संगठन की ओर लाने का काम करती हैं. ट्विटर पर उसके दस लाख जबकि फ़ेसबुक पर लगभग पांच लाख लोग उन्हें लाइक और फॉलो करते हैं.
गुरमीत सिंह ने हिसार के नजदीक फतेहाबाद की रहने वाली प्रियंका तनेजा की शादी साल 1999 में विश्वास गुप्ता से करवाई थी. उसके पति विकास भी डेरा के ही अनुयाई थे. इस शादी के साथ ही उनका नाम हनीप्रीत हो गया. साल 2009 में राम रहीम ने हनीप्रीत को गोद लिया और विश्वास को अपने दामाद के तौर पर अपनाया.
हालांकि यह शादी ज्यादा दिन नहीं चल सकी. हनीप्रीत के पति विश्वास गुप्ता के मुताबिक उसने अपनी पत्नी और बाबा की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत को बाबा के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया, जिसके बाद यह रिश्ता ज्यादा दिन नहीं चल सका और हनीप्रीत डेरे में ही बाबा के साथ रहने लगी. इसके बाद ही हनीप्रीत का डेरे में प्रभाव बढ़ता चला गया.
हनीप्रीत हमेशा बाबा के साथ हर काम में देखी जाती है. चाहे बात फिल्मों की हो या फिर अन्य किसी कार्यक्रम की. बाबा की तरह उसका भी फिल्मों में जबरदस्त रुझान है. हनीप्रीत राम रहीम की फिल्मों ‘एमएसजी2: द मेसेंजर’, ‘एमएसजी: द वॉरियर लायन हार्ट’, ‘हिंद का नापाक को जवाब: एमएसजी लायन 2 हार्ट’ और ‘जट्टू इंजीनियर’ में काम कर चुकी हैं. सिर्फ इतना ही नहीं, अपनी एक्टिंग से वह एक रिकॉर्ड भी बना चुकी हैं. उन्होंने ‘हिंद का नापाक को जवाब’ में एक्टिंग की थी. इस फिल्म में हनीप्रीत ने 21 भूमिकाएं निभाकर हॉलीवुड एक्टर जैकी चैन का रिकॉर्ड तोड़ा था.
पूरे हरियाणा और पंजाब सहित मीडिया में भी अब इस बात की चर्चा जोरों पर है कि गुरमीत राम रहीम के बाद उसके अरबों रुपए के साम्राज्य को खुद को पापा की परी कहने वाली हनीप्रीत संभालेगी.
लेकिन क्या यह इतना आसान है? क्या राम रहीम अपने बेटे को किनारे कर हनीप्रीत को अपना उत्तराधिकारी घोषित करेंगे? आइए सबसे पहले जानते हैं डेरे की संपत्ति के बारे में जिसके लिए राम रहीम के घर में संग्राम होने की गुंजाइश बन गई है.
डेरे के पास अरबों रुपये की प्रॉपटी है. इसमें
– 700 एकड़ खेत, 250 आश्रम, आईबैंक से लेकर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स तक शामिल है. डेरे के एक दिन की कमाई 16 लाख रु. है.
– डेरे के पास सिरसा में लगभग 700 एकड़ खेती की जमीन है.
– डेरा तीन अस्पताल और एक इंटरनेशनल आई बैंक भी चलाता है.
– इसके साथ ही गैस स्टेशन, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स
– दुनिया में करीब 250 आश्रम और करोड़ों समर्थक होने का दावा.
– 2010-11 में डेरा की कुल वार्षिक इनकम 16 करोड़ रुपए थी. 2011-12 में बढ़कर यह 20 करोड़ रुपए हो गई. 2012-13 में कुल आमदनी 29 करोड़ रुपए थी. डेरा सच्चा सौदा और इससे संबंधित अन्य संगठनों को इनकम टैक्स कानून 1961 की धारा 10(23) के तहत टैक्स से छूट मिली हुई है.
सवाल है कि क्या राम रहीम अपने बच्चों को छोड़कर मुंहबोली कही जाने वाली बेटी को कमान देंगे और क्या राम रहीम के बच्चे उन्हें ऐसा करने देंगे.
आईए आपको राम रहीम के परिवार से मिलवाते हैं. गुरमीत राम रहीम के तीन बच्चे हैं. हालांकि मीडिया और ग्लैमर की दुनिया में जितनी चर्चित मुंहबोली बेटी है, उतना राम रहीम के अपने बच्चे नहीं हैं. अपने बच्चों को राम रहीम हमेशा मीडिया और ग्लैमर की दुनिया से हमेशा दूर रखता था.
राम रहीम की बड़ी बेटी चरणप्रीत इंसां और छोटी बेटी अमनप्रीत इंसां है. दोनों की शादी भी हो चुकी है. ये दोनों बेटियां शादी के बाद भी लगातार पिता से जुड़ी हुई हैं और डेरे को लेकर उनकी दिलचस्पी जग जाहिर है. बड़ी बेटी चरणजीत इंसा के पति डॉ. शान-ए-मीत और छोटी बेटी अमनप्रीत के पति रूह-ए-मीत लंबे समय से डेरे से जुड़े रहे हैं. माना जाता है कि डेरे से जुड़े फैसलों में उन दोनों की भी भूमिका रहती है. अपनी पत्नियों के जरिए ये दोनों भी डेरे पर कब्जा लेने की पूरी कोशिश कर सकते हैं.
गुरमीत का एक बेटा जसप्रीत इंसा है. बेटे की शादी बठिंडा के पूर्व एमएलए हरमिंदर सिंह जस्सी की बेटी हुस्नमीत से हुई है. जसप्रीत ही डेरा सच्चा सौदा को संभालता है. डेरे से जुड़े सारे बिजनेस जसप्रीत ही देखता है. जसप्रीत काफी पावरफुल माना जाता है. जसप्रीत के ससुर नेता हैं जो जाहिर है कि वह अपने दामाद को प्रमुख बनाने के लिए पूरा जोर लगाएंगे.
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।