नई दिल्ली। दुसरों को ज्ञान देकर जीने की सीख देने वाले भय्यूजी महाराज की मौत ने सबको सदमे में डाल दिया है. मंगलवार को मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में भय्यूजी महाराज ने खुद को गोली मार ली. उन्हें फौरन अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. अभी-अभी भय्यूजी महाराज के मौत के कारण पर कुछ हद तक पर्दा हटा है. उनके पास से सुसाइड नोट बरामद हुआ है जिससे कि उनके मौत का कारण पता चल रहा है.
उनके पास से अंग्रेजी में लिखा सुसाइड नोट मिला है जिसमें कि उन्होंने लिखा है कि काफी परेशान हैं, इस कारण उनकी जिंदगी तनावग्रस्त हो गई है. तनाव के कारण वो खुद को गोली मार रहा हूं. मेरी मौत के लिए परिवार का कोई जिम्मेदार नहीं होगा. हालांकि इसको लेकर कांग्रेस के नेता ने आजतक से कहा कि बीजेपी के दबाव के कारण भय्यूजी महाराज की मौत हुई है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक घटना के फौरन बाद भय्यूजी को इंदौर के बॉम्बे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई. उन्होंने खुदकुशी क्यों कि इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है. उनकी दर्दनाक मौत से उनके भक्त और समर्थक गहरे सदमे में हैं. मध्य प्रदेश में भय्यूजी महाराज को राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त था. कुछ वक्त पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया था. उनके अलावा 4 अन्य संत भी राज्यमंत्री बनाए गए थे.
इसके अलावा जान लें कि 1968 को जन्मे भय्यूजी महाराज का असली नाम उदय सिंह देखमुख है. वह कपड़ों के एक ब्रांड के लिए कभी मॉडलिंग भी कर चुके हैं. भय्यू जी महाराज ने 2011 में अन्ना हजारे के अनशन अपने हाथ से जूस पीकर अनशन तुड़वाया था. वहीं पीएम बनने के पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी सद्भावना उपवास पर बैठे थे. उस उपवास को तुड़वाने के लिए उन्होंने भय्यू महाराज को आमंत्रित किया था. फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
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