झारखंड: अपनों ने ही डायन बताकर मां-बेटी के कपड़े उतरवाए

रांची। झारखंड में डायन बता कर औरतों को प्रताड़ित करने का मामला कोई नया नहीं है. आए दिन ऐसी घटनाएं होती हैं और निशाना दलित और आदिवासी महिलाएं बनती हैं. डायन कह कर प्रताड़ित करने वाले कभी दूसरे लोग होते हैं तो कभी अपने ही, जो अपना हित साधने के लिए यह सारा प्रपंच रचते हैं. हद तो यह है कि लगातार इस तरह की खबरें आने के बाद भी प्रशासन इस कुप्रथा को रोकने के लिए ठोस कार्रवाई कर इसे जड़ से खत्म करने की कोशिश नहीं कर रहा है.

रांची से करीब 60 किलोमीटर दूर सोनाहातू थाने के बोंगादार दुलमी गांव में एक ऐसी ही घटना घटी है, जिसमें गांव वालों ने एक महिला और उसकी बेटी को डायन करार देकर पहले तो उनके कपड़े उतरवा दिए और फिर मैला भी पिलाया. घटना 15 फरवरी की है. असल में पीड़ित महिलाओं की रिश्तेदारी में ही लंबे समय से बीमार महिला की मौत हो गई. इसके बाद परिवार के ही तीन लोग और बीमार हो गए. बजाय डॉक्टर को दिखाने के उनलोगों ने ओझा को बुला लिया, जिसने मां-बेटी को डायन करार दे दिया और यह सारी घटना घटी.

 बीबीसी की खबर में महिला के मुताबिक- “हम लोग अपने घर में थे. तभी मेरे भैयाद (पट्टीदारी) के लोग घर का दरवाज़ा पीटने लगे. इन लोगों ने हम माँ-बेटी पर डायन होने का आरोप लगाया. हमें जबरन श्मशान घाट ले गए. वहाँ हमारे कपड़ों पर इंसानी मल और पेशाब फेंका. फिर हमारे मुँह में भी डाल दिया. नाई से हमारा मुंडन करा दिया. हमारे कपड़े खुलवा दिए. इसके बाद हमें पहनने के लिए सफ़ेद साड़ी दी लेकिन ब्लाउज और पेटीकोट नहीं दिया. सिर्फ साड़ी से हमने अपना शरीर ढंका.

हमें उन्हीं कपड़ों में पूरे गाँव में घुमाया गया. बाद में उनलोगों ने हमें हमारे घर छोड़ दिया. अगली सुबह 16 फ़रवरी को मैं अपनी बेटी के साथ अपने मायके पीलित (ईचागढ़) चली गई. वहाँ भाई के बेटे को सारी बात बताई. उसने हमें हिम्मत दी. हमारे साथ थाने आया. हमलोगों ने सोनाहातू थाने में इसकी नामजद रिपोर्ट दर्ज करवाई.”

आलम यह है कि न तो घटना के दौरान न तो उसके बाद गाँव का कोई भी आदमी मां-बेटी की मदद के लिए तैयार नहीं है. हालांकि मामला पुलिस के पास पहुंचने पर पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन अब भी वे दोनों गांव लौटने से डर रहे हैं. सबसे ज्यादा डर प्रतिष्ठा को लेकर है. क्योंकि महिला की बेटी शादीशुदा है. और जिस ओझा ने इन दोनों को डायन करार दिया, वह उसी गांव का है, जहां बेटी की शादी हुई है.

– साभार- बीबीसी हिन्दी

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