लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने सरकारी इमारतों को लेकर योगी सरकार के फरमान की आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार जनहित व जनकल्याण के मामले में लापरवाही कर रही है. अस्पतालों में इलाज के अभाव में हजारों लोग रोज अपनी जान गवां रहे हैं. लेकिन राज्य सरकार बसों व सरकारी ईमारतों आदि रंग और नाम बदलने के कामों को ही राजधर्म मानकर समय और संसाधन बर्बाद कर रही है.
मीडिया को जारी प्रेस कांफ्रेंस में मायावती ने कहा है कि ऊंचाहार एनटीपीसी में हुए भयानक विस्फोट और उसमें हुई व्यापक जान-माल की हानि भाजपा सरकार की आपराधिक लापरवाही है. मोदी और योगी सरकार की जनविरोधी नीतियों व ग़लत कार्यप्रणाली के कारण इंसानों की जान की कीमत जानवरों से भी सस्ती हो गई है.
एनटीपीसी बायलर विस्फोट में मारे गये 32 लोगों और घायल हुए सैकड़ों लोगों के परिवारों के प्रति गहरा दुख और संवेदना व्यक्त करते हुए बसपा सुप्रीमों ने कहा कि भाजपा की केन्द्र और राज्य सरकार जनकल्याण के मामले में लगातार विफल साबित हो रही है. इनकी आपराधिक लापरवाही के कारण जान-माल के साथ-साथ देश की सम्पत्ति और संसाधन की भी भारी क्षति हो रही है.
बसपा मुखिया ने कहा कि भाजपा के नेता और मंत्री केवल सस्ती लोकप्रियता प्राप्त करने के साथ-साथ अपना नाम और फोटो अख़बारों में छपवाने के लिये अनेकों प्रकार के विवादित और ग़ैर-जिम्मेदाराना बयान देने में ही व्यस्त नजर आते हैं और उन पर किसी प्रकार का कोई नियन्त्रण व अंकुश नहीं है.
मायावती ने आगे कहा कि इतना ही नहीं अपराध-नियन्त्रण और कानून-व्यवस्था के मामले में भी भाजपा सरकार की लापरवाही से आमजनता का जन-जीवन लगातार बद-से-बदतर होता जा रहा है, परन्तु उत्तर प्रदेश सरकार गोरक्षा को ही जनहित व जनसेवा समझकर अपने कर्तव्यों से विमुख हो गयी है. भाजपा सरकार की जनहित के मामलों में ऐसी लापरवाही की जितनी भी निन्दा की जाये वह कम है.
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।