शपथ ग्रहण समारोह में बेंगलुरु जाएंगी मायावती, कार्यक्रम तय

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कुमारस्वामी ने दिल्ली में बसपा प्रमुख मायावती से मिलकर उन्हें शपथग्रहण समारोह में आने का निमंत्रण दिया

नई दिल्ली। लंबे नाटकीय घटनाक्रम के बाद कर्नाटक में सत्ता का गणित पलट चुका है. पहले येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री बनने और फिर बहुमत साबित नहीं कर पाने से कांग्रेस-जेडीएस की सरकार बनने तक प्रदेश में एक के बाद एक घटनाक्रम हुआ है. जिस तरह भाजपा को रोकने के लिए सारा विपक्ष एकजुट हुआ और फिर कामयाब हुआ, उससे विपक्ष और खासकर कांग्रेस का हौंसला बढ़ा है. विपक्ष को यह लगने लगा है कि अगर भाजपा को रोकना है तो विपक्षी दलों को साथ आना होगा. यही वजह है कि 23 मई को बंगलुरू में जेडीएस नेता कुमारस्वामी जब मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे तो तमाम विपक्षी दल वहां मौजूद रहेंगे.

बेंगलुरु में 23 मई को होने वाले कुमारस्वामी के शपथग्रहण समारोह में विपक्षी दलों के दिग्गजों का जमावड़ा लगेगा. जाहिर है कि इस दौरान मौजूद तमाम विपक्षी दल 2019 में भाजपा के खिलाफ महागठबंधन की कोशिश को बल देते दिखेंगे. शपथ ग्रहण के दौरान जिन दिग्गजों के मौजूद रहने की खबर आ रही है, उसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, केरल के मुख्यमंत्री पिन्नाराई विजयन, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव और उनके बेटे, राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजीत सिंह मौजूद रह सकते हैं. इसके अलावा जब कुमारस्वामी कर्नाटक के मुख्यमंत्री की शपथ ले रहे होंगे तो बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती भी मौजूद रहेंगी.

मायावती की मौजूदगी के बारे में बसपा के प्रदेश प्रभारी और राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ ने दलित दस्तक को जानकारी दी है. कर्नाटक विधानसभा को लेकर पिछले तकरीबन 50 दिनों से प्रभारी अशोक सिद्धार्थ कर्नाटक में ही मौजूद हैं. ‘दलित दस्तक’ के बातचीत में उन्होंने कहा, “बहनजी कुमारस्वामी जी के शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहेंगी. कुमारस्वामी खुद बहन जी को निमंत्रण देने दिल्ली गए थे, जिसके बाद बहनजी ने कार्यक्रम में आने को लेकर हामी भर दी है.” दिग्गज नेताओं के बीच मायावती की उपस्थिति से यह साफ हो गया है कि अब तक एकला चलो की राह पर चलने वाली मायावती विपक्षी दलों के साथ मेलजोल बढ़ाने की इच्छुक हैं और महागठबंधन का हिस्सा बनने को भी तैयार हैं.

कर्नाटक में अगर आज जेडीएस और कांग्रेस की सरकार बन रही है तो इसमें कहीं न कहीं बसपा अध्यक्ष की भूमिका भी महत्वपूर्ण है. क्योंकि उन्होंने न सिर्फ दोनों विरोधी दलों को साथ आने को राजी किया बल्कि उसी वजह से बदली परिस्थिति में विपक्षी महागठबंधन के संकेत मिलने लगे हैं.

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