नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि देशभर में पुलिस का मनोबल बढ़ाकर ऊंचा रखने के लिए जरूरी है कि देश में कानून का राज हो. कानून को अपने हाथ में लेने और कानून से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी प्रकार का शह व संरक्षण देने के बजाय उन्हें कानूनी तौर पर दण्डित किया जाये. मायावती ने आशंका जताते हुए कहा कि इस मामले में केन्द्र सहित भाजपा की राज्य सरकारें भी नाकाम साबित होकर अपनी संवैधानिक ज़िम्मेदारी से विमुक्त नजर आ रही है. ऐसे में 25 हजार करोड़ रूपये के कथित ’’पुलिस सुधार पैकेज’’ की घोषणा शायद ही जनोपयोगी साबित हो.
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में भी ख़ासकर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, झारखण्ड और मध्यप्रदेश में पुलिस का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसे में भाजपा के हिंसक कट्टरवादी और आपराधिक तत्वों को खुलेआम गुण्डागर्दी करने और क़ानून के साथ खिलवाड़ करते है. इसके साथ-साथ कानून के रखवालों से ही दुर्व्यवहार और मारपीट करके उन्हें अपमानित करने की जो खुलेआम छूट दे दी गयी है उससे पूरे पुलिस प्रशासन में हताशा और निराशा है. पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी अपनी ड्यूटी सही तौर से निभाने में अपने आपको असमर्थ पा रहे हैं.
मायावती ने कहा कि यह बहुत ही चिंताजनक स्थिति है. ऐसे जंगलराज जैसे हालातों में पुलिस की साज-सज्जा व नये आधुनिक हथियार किस काम के हैं? क्या इनका इस्तेमाल अपराधियों के खिलाफ करने के बजाय जनान्दोलन व जनाक्रोश दबाने के लिये किया जायेगा? आज यह सवाल पुलिस व्यवस्था में सुधार की मांग करने वाले वरिष्ठ लोग उठा रहे हैं जो अत्यन्त ही सार्थक प्रश्न है.
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तप प्रदेश पुलिस फोर्स के नये मुखिया की नियुक्ति अथवा वर्तमान पुलिस प्रमुख की ही सेवाकाल में वृद्धि के बारे में आज अन्तिम समय तक कोई फैसला नहीं कर पाने से समस्त पुलिस बल के मनोबल में जो गिरावट आई है उसका सही अन्दाज़ा ना तो राज्य सरकार को है और ना ही केन्द्र सरकार को है. बड़े पर्वों के समय में भी ऐसी हरकतों को घोर लापरवाही नहीं तो और क्या कहा जायेंगा? क्या केन्द्र व प्रदेश भाजपा सरकारों के ऐसा बर्ताव इनकी गै़र-जनहितैषी कार्य प्रणाली को नहीं दर्शाता है?
मायावती ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद के प्रति केन्द्र सरकार बार-बार अपनी चिंता जाहिर करती रहती है, लेकिन दिन-प्रतिदिन की आमजन की कानून-व्यवस्था समस्या व अपराध-नियंत्रण के अत्यन्त ही गंभीर मुद्दों में कोई ख़ास दिलचस्पी लेती हुई दिखाई नहीं पड़ती है जबकि आमजनजीवन पर इस बात का व्यापक बुरा प्रभाव पड़ रहा है तथा लोगों का जीना काफी कठिन व असुरक्षित होता जा रहा है.
भगदड़ में मरने वालों पर दुख जताया
मायावती ने मुम्बई के एलफिन्स्टन रेलवे स्टेशन के फुट ओवर ब्रिज पर भगदड़ मच जाने से 22 लोगों की मौत होने और 45 लोगों के घायल होने पर गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि ख़ासकर त्यौहार के समय में इस प्रकार का हादसा बहुत ही तकलीफ देने वाला है. केन्द्र व राज्य सरकार न केवल मृतक लोगों के परिवारों को समुचित अनुग्रह राशि दे बल्कि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं की रोकथाम पर भी गंभीर होकर पूरा-पूरा ध्यान दे.
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