तिरुवनंतपुरम। हाल ही में केरल में आई बाढ़ ने जहां एक ओर भारी तबाही मचाई, वहीं इसी तबाही के बीच कई मानवीय घटनाएं और कहानियां भी निकलकर सामने आईं। क्या बड़े अधिकारी और क्या मंत्री, हर कोई लोगों को राहत पहुंचाने के लिए दिन-रात काम करता दिखा। आपको मिलवाते हैं ऐसे ही एक आईएएस अफसर से जिन्होंने मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 8 दिन तक लगातार राहत काम में एक साधारण शख्स के तौर पर हिस्सा लिया, मगर कोई उन्हें पहचान तक नहीं पाया।
यह ऑफिसर हैं कन्नन गोपीनाथन। 2012 बैच के एजीएमयूटी कैडर के ऑफिसर कन्नन केरल के कोट्टयम के रहने वाले हैं और इस वक्त दादरा ऐंड नगर हवेली के कलेक्टर हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, केरल में बाढ़ की खबर पर कन्नन ने छुट्टी ली और तुरंत अपने गृह राज्य आ गए। यहां उन्होंने पहले दादरा ऐंड नगर हवेली प्रशासन की ओर से 1 करोड़ रुपए का चेक केरल सीएम आपदा राहत कोष में दिया और फिर राहत कार्य में लग गए। उन्होंने बिना अपनी पहचान जाहिर किए कुछ दिन अलपुझा में काम किया और फिर एर्नाकुलम रवाना हो गए। गोपीनाथन ने राहत कार्य के दौरान की पूरी कहानी कई ट्वीट्स में शेयर की है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कन्नन की पहचान एर्नाकुलम में उजागर हुई जब केबीपीएस प्रेस सेंटर पहुंचे एर्नाकुलम के कलेक्टर ने काम कर रहे कन्नन को पहचान लिया। वहा मौजूद सभी लोग हैरान रह गए कि जिसके साथ वह इतने दिनों से काम कर रहे थे वह एक सीनियर आईएएस ऑफिसर हैं।
उनकी इस कहानी को सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है और सराहा जा रहा है। आईएएस असोसिएशन ने भी ट्विटर पर उनकी जमकर सराहना की है
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