लंदन। ब्रिटेन में 11 साल के भारतीय मूल के बच्चे ने मेन्सा आईक्यू टेस्ट में सर्वाधिक यानि 162 अंक प्राप्त किए हैं. विशेष बात यह है कि इस बच्चे ने महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन और स्टीफन हॉकिंग से भी दो अंक ज्यादा हासिल किए हैं.
दक्षिण इंग्लैंड में रीडिंग टाउन के अर्णव शर्मा ने बिना किसी खास तैयारी के ये कारनामा कर दिखाया है. उसने इससे पहले कभी ये टेस्ट नहीं दिया था.
द इंडिपेंडेंट की खबर के अनुसार टेस्ट में उसके अंकों ने उसे आईक्यू स्तर पर देश में अव्वल स्थान पर ला दिया है. इस पर अर्णव शर्मा का कहना है कि , ‘मेन्सा टेस्ट मुश्किल होता है और हर कोई इसे पास नहीं कर पाता. मुझे तो इसे पास करने की उम्मीद ही नहीं थी. मैंने ये टेस्ट दिया और इसमें करीब ढाई घंटे लगे. मैंने टेस्ट के लिए कोई तैयारी भी नहीं की थी लेकिन मैं घबरा नहीं रहा था. मेरा परिवार हैरान था, लेकिन वे बहुत खुश हुए जब मैंने उन्हें परिणाम के बारे में बताया’.
इस मौके पर अर्णव की मां मीशा धमिजा शर्मा ने कहा, ‘मैं सोच रही थी कि क्या चल रहा होगा क्योंकि उसने कभी देखा नहीं था कि यह पेपर कैसा होता है’.
अर्णव की मां ने ये भी बताया कि वो जब ढाई साल का था तो ही मैथ्स का कौशल उसमें दिखने लगा था. गौरतलब है कि अर्णव को गाने और डांस करने का भी शौक है.
बता दें कि मेन्सा को दुनिया की सबसे बड़ी और पुरानी उच्च आईक्यू सोसायटी माना जाता है. वैज्ञानिक एवं वकील लांसलॉट लियोनेल वेयर और ऑस्ट्रेलियाई बैरिस्टर रोलैंड बेरिल ने 1946 में ऑक्सफोर्ड में इसकी स्थापना की थी.
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।