ईवीएम पर दिल्ली में राष्ट्रीय सेमिनार में उठे अहम सवाल

नई दिल्ली। ईवीएम को लेकर सामाजिक संगठन मैदान में आने लगे हैं. देश की राजधानी दिल्ली में इसको लेकर 3 अक्टूबर को एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें बुद्धीजिवियों ने ईवीएम पर गंभीर सवाल उठाया. चर्चा का विषय था, ‘मतदान के लिए ई0वी0एम0 कितना लोकतांत्रिक-कितना पारदर्शी’. इस परिचर्चा में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, कुर्बान अली, दिलीप मंडल सहित जे0एन0यू0 के प्रोफेसर और विख्यात समाजशास्त्री डॉ. विवेक कुमार और एन0आर0एम0यू0 के अध्यक्ष कामरेड हरभजन सिंह सिद्धू समेत कई अन्य बुद्विजीवियों ने भी अपने विचार व्यक्त किये.

वरिष्ठ पत्रकार एवं दलित सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप मंडल ने कहा कि विश्व के चार देशों में ई0वी0एम0 का प्रयोग होता है. ये देश ब्राजील, वेनुजुएला, भूटान और भारत हैं. उऩ्होंने सवाल उठाया कि अमेरिका जैसे विकसित देश में बैलेट पेपर से मतदान होता है लेकिन भारत में ई0वी0एम0 से. उन्होंने कहा कि जिस देश में ई0वी0एम0 से चुनाव नहीं होता भारत वहां से ई0वी0एम0 की चिप मंगवाता है. अगर चिप में कोई गड़बड़ी नहीं हो सकती तो वो देश खुद ई.वी.एम से चुनाव क्यों नहीं करवाता. दिलीप मंडल ने कहा कि जो लोग खराब ई0वी0एम0 को सही कर सकते हैं वो लोग ई0वी0एम0 में गड़बड़ी क्यों नहीं कर सकते हैं.

बीबीसी के साथ रह चुके वरिष्ठ पत्रकार कुर्बान अली ने बताया कि भाजपा सरकार आज ई0वी0एम0 में गड़बड़ी को नकार रही है, जबकि उसी सरकार के नेता जी0वी0एल नरसिंह राव ने ई0वी0एम0 में गड़बड़ी पर एक किताब लिखी, जिसकी भूमिका भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवानी ने लिखी थी.

वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश ने कहा कि ई0वी0एम0 का प्रचलन सन् 1982 में शुरू हुआ. सन् 2004 में पूरे देश में ई0वी0एम0 से मतदान शुरू हुए. भाजपा ने पहले ई0वी0एम0 पर सवाल उठाए, लेकिन अब सत्ता में आने के बाद वो ई0वी0एम0 में गड़बडियों को नकार रही है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में भी ई0वी0एम0 में गड़बड़ियां होने के बावजूद केन्द्र सरकार, चुनाव आयोग, अधिकारी, कार्पोरेट और नेता सामूहिक स्वार्थ के चलते ई0वी0एम0 का बचाव कर रहे हैं.

वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी माना है कि ई0वी0एम0 को हैक किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा निर्वाचन का कानून बनाया गया, जिसमें मतदान की तीन प्रक्रिया स्वतंत्रता, निष्पक्षता और पारदर्शिता को निहित किया गया, लेकिन ई0वी0एम0 इन तीनों का पालन नहीं करती. ई0वी0एम0 में बटन दबाने वाले मतदाता को पता नहीं चलता कि आपने किसको वोट दिया. आप साबित नहीं कर सकते कि आपने किसको वोट दिया. केन्द्र सरकार और भाजपा बैलेट पेपर से मतदान नहीं करवाना चाहती और कहती है कि बैलेट पेपर से मतदान होने से बूथ कैप्चरिंग का खतरा है. वरिष्ठ पत्रकार ने यह भी कहा कि ई0वी0एम0 दलितों और पिछड़ो के पक्ष में नही है. ई0वी0एम0 लोकतंत्र एवं संविधान के खिलाफ है. यह मतदाताओं की स्वतंत्रता और निष्पक्षता के खिलाफ है.

जे0एन0यू0 के प्रोफेसर विवेक कुमार ने कोडिंग का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि इसे जनता से छिपाया नहीं जा सकता है. परिचर्चा के दौरान कामरेड हरभजन सिंह सिद्धू (अध्यक्ष NRMU) ने भी अपने विचार रखे.ई0वी0एम0 गड़बड़ी का शिकार हुई नगर निगम चुनाव प्रत्याशी अपूर्वा वर्मा ने अपने अनुभवों को साझा किया. कुल मिलाकर ई.वी.एम को लेकर हुई यह बहस काफी सार्थक रही. इसमें श्रोताओं की भी भागेदारी रही. मंच का संचालन हिन्द वॉच के संपादक सुशील स्वतंत्र ने किया.

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