भाजपा मंत्री के दफ्तर पर एक करोड़ का खर्च कितना जायज

नई दिल्ली। सरकारें पांच साल के लिए बनती हैं. जो सरकार अभी है, वह पांच साल बाद आएगी या नहीं, कोई नहीं जानता, बावजूद इसके मंत्रियों द्वारा अपने दफ्तरों पर करोड़ों का खर्च कर दिया जाता है, गोया उन्हें अब ताउम्र वहीं रहना है और ये पैसे उनके घर के हों.

भाजपा के एक केंद्रीय मंत्री विजय गोयल का किस्सा भी ऐसा ही है. गोयल अपने सरकारी दफ्तर को बेहतर बनाने के लिए एक करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च कर चुके हैं, लेकिन अभी भी काम बाकी ही है. नई दिल्ली के सरदार पटेल भवन में स्थ‍ित स्टाफ कैंटीन को पिछले साल ही 52 लाख रुपये खर्च कर मॉडर्न बनाया गया था, लेकिन अब इसे केंद्रीय मंत्री विजय गोयल का ऑफिस बनाने के लिए तोड़ दिया गया है. हैरान करने वाली बात यह है कि मंत्री जी के लिए ऑफिस बनाने पर अब तक 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत आ चुकी है, लेकिन अब भी यह पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ है और बिल बढ़ता ही जा रहा है.

बीजेपी नेता विजय गोयल पांच महीने पहले ही केंद्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन राज्य मंत्री बनाए गए हैं. सितंबर 2017 तक गोयल खेल एवं युवा मामलों के मंत्री थे.

इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में लगे सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (CPWD) के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक गोयल खुद दो बार इस ऑफिस के काम का मुआयना कर चुके हैं. उन्होंने इसमें कुछ बदलाव के सुझाव भी दिए जिसको अंजाम देने के लिए और रकम लगेगी यानी लागत में संशोधन होगा. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि इस दफ्तर के लिए खर्च होने वाले करोड़ों रुपये भारत की जनता के हैं, न की भाजपा के पार्टी फंड के पैसे.

 

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