बचपन में नकली गन से ईंटों पर निशाना लगाती थी हिना सिद्धू

भारत की स्टार निशानेबाज हिना सिद्धू ने अपने हुनर का जलवा दिखाते हुए अन्तरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (ISSF)के वर्ल्ड कप फाइनल में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया है. हिना ने जीतू राय के साथ मिक्सड टीम के रूप में 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतिस्पर्धा में चीन और फ्रांस को पीछे छोड़ते हुए अपने देश को पहला गोल्ड मैडल दिलाया. हिना की जितनी तारीफ की जाए उतनी ही कम है. बचपन में ईंटों को अपनी बंदूक से निशाना बनाने वाली हिना सिद्धू से इस बार ओलिंपिक में गोल्ड मैडल की उम्मीदें की जा रही हैं.

हिना के पिता राजबीर सिंह खुद एक जाने माने शूटर रह चुके हैं. कहने को तो हिना ने डेंटिस्ट की पढ़ाई की है लेकिन शूटर खानदान से ताल्लुक रखने के कारण हिना बचपन से ही शूटिंग में दिलचस्पी लेने लगी थी. हिना के पिता के साथ साथ भाई और पति भी शूटर हैं. उनके भीतर शूटिंग की दिलचस्पी उनके चाचा ने पैदा की जो बंदूके रिपेयर किया करते थे. 2014 में अर्जुन पुरस्कार पाने वाली हिना उस समय सुर्खियों में आ गई थी जब उन्होंने हिजाब पहनकर शूटिंग प्रतिस्पर्धा में भाग लेने से इनकार कर दिया था.

पिछले साल अक्तूबर में ईरान में हुई नौवीं एशियाई एयरगन शूटिंग चैंपियनशिप से हिना ने यह कहते हुए अपना नाम वापस ले लिया कि वो हिजाब नहीं पहन सकती. हिना ने एक ट्वीट के जरिए कहा कि वो कोई क्रांतिकारी नहीं हैं लेकिन हिजाब पहनकर खेलने की अनिवार्यता एक खिलाड़ी और खेल भावना के खिलाफ हैं और वो इस खेल में भाग नहीं लेंगी.

जीतू राय नेपाली मूल के शूटर हैं और भारतीय सेना में हैं. जीतू भारत की तरफ से शूटिंग प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं. 26 अगस्त 1987 में नेपाल में जन्में जीतू एक ही विश्वकप में भारत को दो दो पदक दिला चुके हैं. 2014 में ग्लासगो में आय़ोजित राष्ट्रमंडल खेलों में जीतू राय भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था. 2015 में जीतू राय को निशानेबाजी में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है. 2016 में उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न दिया गया और 2015 में जीतू CNN IBN की लिस्ट में इंडियन ऑफ दि इयर (स्पोर्ट्स) का खिताब जीत चुके हैं.

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