नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा बयान दिया है जिसमें कहा है कि देते हुए कहा कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और राज्यपाल के दफ्तर को भी आरटीआई के अंदर आना चाहिए. न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और अमितवा रॉय की पीठ ने यह सवाल केंद्र सरकार के द्वारा बांबे हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान उठाया.
खबरों के अनुसार जवाब में केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटिर जनरल रंजीत कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही इस तरह का मामला लंबित है. उस याचिका को भी इस याचिका के साथ जोड़ दिया जाना चाहिए.वहीं वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि राज्यपाल के रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए और इसे आरटीआई के दायरे में भी लाया जाना चाहिए.
गौरतलब है कि पिछले दिनों बांबे हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि गवर्नर ऑफिस को पब्लिक अथॉरिटी घोषित कर देना चाहिए. बांबे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी.
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