जयपुर। जयपुर में इन दिनों साहित्य उत्सव चल रहा है. इसमें देश-विदेश से जाने-माने साहित्यकार शिरकत करते हैं. बीते शुक्रवार को इस साहित्य उत्सव में शामिल होने के लिए जाने-माने फ्रांसीसी राजनीतिज्ञ क्रिस्टोफ जैफ्रोलोट भी पहुंचे थे. वह ‘डॉक्टर अंबेडकर और उनकी विरासत’ विषय अपना विचार रखने आए थे. क्रिस्टोफ की चर्चा यहां इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने ‘डॉक्टर अंबेडकर एंड अनटचबिलिटी’ नामक किताब लिखी है.
इस दौरान फ्रांसिसी लेखक ने दलितों को लेकर अपने विचार रखते हुए कहा कि ‘मुस्लिम होना उतना बुरा नहीं है, जितना दलित होना.’ आरक्षण नहीं होने की स्थिति में दलित कहीं नहीं पहुंचे होते. जैफ्रोलोट ने मीडिया की मिसाल देते हुए सवाल उठाया किअगर किसी तरह का आरक्षण नहीं होता तो आज दलित कहां होते? अगर आप आरक्षण हटा देते हैं तो फिर वे कहां हैं? फिर कहीं भी कोई दलित नहीं होगा, क्योंकि दलित होना अब भी एक लांछन है.
भाजपा के दलित प्रेम को बेनकाब करते हुए फ्रांसिसी लेखक ने कहा कि भाजपा ने दलितों पर अब ध्यान देना शुरू कर दिया है. यह सद्भाव की वजह से नहीं है, बल्कि ऐसा इसलिए है क्योंकि वे उन्हें उभरते हुए वोट बैंक के तौर पर देखते हैं और ‘बांटो एवं राज करो’ की नीतियों का इस्तेमाल करते हैं.