फर्जी जाति प्रमाण देकर छीनी एससी-एसटी की मेडिकल सीटें

mbbsमुंबई। आरक्षण का विरोध करने वाले लोग ही आरक्षण का लाभ लेने के लिए गलत हथकंडे अपना रहें हैं. मामला है महाराष्ट्र के मेडिकल कॉलेजों का जहां 17 छात्रों ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र देकर दाखिला लिया. मुंबई और कोल्हापुर मेडिकल कालेज ने तुरंत एक्शन लेते हुए छात्रों को कॉलेज से निकाल दिया और इन लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करावाया. चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय ने एससी/एसटी कोटे से प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लेने वाले छात्रों के प्रमाणपत्रों की जांच कराने के आदेश भी दिए है.

निदेशालय को सूचना मिली थी कि कुछ छात्रों ने 2013-14 और 2014-15 के सत्र में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर एससी/एसटी कोटे से दाखिला लिया था. जेजे अस्पताल के डीन डॉ. टीपी लहाने ने बताया कि ग्रांट मेडिकल कॉलेज के नौ छात्र के कागजात फर्जी गलत पाए गए हैं. जांच में उनके प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए. डीएमईआर के निदेशक प्रवीण शिंगारे का कहना है कि उक्त प्रमाणपत्र मंत्रालय के एक पूर्व कर्मचारी ने उपलब्ध कराए थे. इसके अतिरिक्त लोकमान्य तिलक मेडिकल कॉलेज और आरएन कूपर हॉस्पिटल में भी में आठ लोगों ने फर्जी प्रमाणपत्र जमा करवाएं थे, जिसकी जांच के बाद कॉलेज प्रशासन ने प्रमाण पत्र को फर्जी बताया और छात्रों को निकाल दिया.

इस घटना के कारण एससी/एसटी वर्ग से दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों का नुकसान हुआ है. अगर ये विद्यार्थी बिना कोई गलत हथकंडे अपनाए दाखिला लेते तो एससी/एसटी के छात्रों को दाखिला मिलता और  एससी/एसटी समाज मेडिकल के क्षेत्र में और भी अधिक भागीदारी निभाता.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.