जानिए, एग्जिट पोल और EVM को लेकर दिन भर कहां-कहां क्या हुआ

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Photo Credit- Patrika

एग्जिट पोल के बाद अब देश भर में evm को लेकर बवाल मचा हुई है. विपक्षी दलों के प्रत्याशी परेशान हैं और ईवीएम को लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं. इस बीच पूरे दिन गहमा-गहमी का माहौल रहा. जानिए की आखिर evm और एग्जिट पोल को लेकर दिन भर क्या-क्या.

  • उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर में सोमवार को गठबंधन के उम्मीदवार अफजल अंसारी अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए थे. उनका आरोप था कि गाजीपुर लोकसभा के अंतर्गत 5 विधानसभा आती हैं और हर विधानसभा की ईवीएम 5 अलग-अलग जगहों पर है. इसके बाद पांच लोगों को ईवीएम की निगरानी करने की अनुमति दे दी गई है. यूपी केचंदौली (Chandauli Lok sabha Seat) में भी ईवीएम को लेकर गठबंधन समर्थक धरने पर बैठ गए. आरोप है कि गाड़ी से लाई गई कुछ ईवीएम को काउंटिंग स्थल के एक अलग कमरे में रखा गया.
  • वहीं उत्तर प्रदेश के डुमरियागंज में सपा-बसपा कार्यकर्ताओं ने पिछले मंगलवार को ईवीएम से भरा एक मिनी ट्रक पकड़ा. इनका आरोप है कि इस ट्रक को ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम से बाहर लाया जा रहा था. साथ ही इनका आरोप है कि बीजेपी के लोगों ने इन ईवीएम मशीन के साथ छेड़छाड़ की है.
  • बिहार में भी कुछ जगहों पर ईवीएम की ‘संदिग्ध आवाजाही’ का आरोप लगाया गया है. लेकिनचुनाव आयोग (Election Commission)का कहना है कि सभी मामलों को सुलझा लिया गया है, ये आरोप बेबुनियाद हैं.
  • विपक्षी दलों के तमाम नेता भी पूरे दिन सक्रिय रहें. 19 विपक्षी दलों ने दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में बैठक की. यह बैठक आंध्र प्रदेश के सीएम और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में हुई. बैठक में कांग्रेस से अहमद पटेल, अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद व अभिषेक मनु सिंघवी, माकपा से सीताराम येचुरी, तृणमूल कांग्रेस से डेरेक ओब्रायन, टीडीपी से चंद्रबाबू नायडू, आम आदमी पार्टी से अरविंद केजरीवाल, सपा से रामगोपाल यादव, बसपा से सतीश चंद्र मिश्रा व दानिश अली, द्रमुक से कनिमोई, राजद से मनोज झा, राकांपा से प्रफुल्ल पटेल व माजिद मेमन और कई अन्य पार्टियों के नेता शामिल हुए. सूत्रों के मुताबिक इस मीटिंग में ईवीएम के साथ वीवीपैट के 100 फीसदी मिलान की मांग को लेकर विपक्ष की ओर से चुनाव आयोग से मुलाकात पर चर्चा हुई. तमाम दलों के नेता अपनी शिकायतों और मांगो को लेकर चुनाव आयोग पहुंचे.

एग्जिट पोल को लेकर मामला सिर्फ राजनीतिक दलों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग में भी इसको लेकर दिन भर हलचल रही. पहले बात करते हैं सुप्रीम कोर्ट की-

  • चेन्नई के एक एनजीओ की ओर से दाखिल जनहित याचिका जिसमें ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों की 100 फीसदी मिलाने की मांग की गई थी, उस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मुख्य न्यायाधीश की बेंच पहले ही इस पर फैसला कर चुकी है.

चुनाव आयोग में भी अफरा-तफरी का माहौल रहा. चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्तों के बीच मतभेद की खबरों ने हलचल मचा दी है. बीते दिनों चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी-बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को लगातार मिली क्लीन चिट और विपक्षी नेताओं को भेजे गए नोटिस पर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने कहा था कि आचार संहिता से जुड़े सभी कागजों को सार्वजनिक किया जाए. इसी मुद्दे पर आज चुनाव आयोग में बड़ी बैठक हुई थी, जिसमें अशोक लवासा की आपत्तियों को खारिज कर दिया गया.  इस बैठक में 2-1 के नतीजों से तय हुआ है कि अशोक लवासा ने जो आचार संहिता से जुड़े मसले को सार्वजनिक करने की मांग की थी, वह पूरी नहीं होगी.

इन सबके बीच एग्जिट पोल से सबसे ज्यादा सकते में आई समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने मतगणना के लिए अपने प्रत्याशियों के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं. बसपा ने अपने प्रत्याशियों से कहा कि काउंटिग एजेंट को पीठासीन अधिकारी के द्वारा प्राप्त की गई EVM को काउंटिग के दौरान खुलने से पहले हर हाल में (EVM,  BUCU और VVPAT) नंबर का मिलान कराएं. इसके साथ यह सुनिश्चित कर लें कि इस्तेमाल की गई ग्रीन पेपर सील व स्पेशल टैक का नंबर वही है जो EVM,  BUCU और VVPAT में पीठासीन अधिकारी द्वारा अंकित किए गए हैं. ऐसे में दोनों नंबर सही पाए जाने पर ही EVM को खुलने की अनुमति प्रदान की जाए. यही बात समाजवादी पार्टी ने भी अपने प्रत्याशियों से कही है.

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