प्रतिष्ठित अखबार ‘दि ट्रिब्यून’ की पत्रकार रचना खैरा के खिलाफ यूनीक आईडेन्टिफिकेशन अथौरिटी ऑफ इंडिया ने दिल्ली क्रईम ब्रांच में विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर दी है. उनके ऊपर आरोप है कि उन्होने मीडिया का इस्तेमाल कर सरकार के खिलाफ लोगों तक गलत संदेश पहुचाया है.
दरअसल, ‘दि ट्रिब्यून’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार केवल 500 रूपये में 10 मिनट के अंदर एक ऐजेन्ट ने इस पत्रकार को आधार डेटाबेस में ल़गइन करने के लिए लॉगइन आईडी और पासवर्ड देने की बात कही है, जिससे कोई भी आधार नंबर अंकित करने पर उस व्यक्ति का नाम, पता, पोस्टल कोड, फोटो, फोन नंबर निकाला जा सकता है. हलांकि यूआईडीएआई ने आधार डेटाबेस में किसी तरह के सेध लगाए जाने की ख़बरों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि आधार कार्ड से जुड़ा बायोमेट्रिक डेटा पूरी तरह सुरक्षित है.
रचना खैरा के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद से कई बड़े पत्रकार और एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया, फ़ाउंडेशन फॉर मीडिया प्रोफ़ेशनल समेत कई संगठनों ने यूआईडीएआई की इस कार्यवाही की निंदा की . एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने अपने बयान में कहा है कि यह अनुचित और अन्यायपूर्ण क़दम है, यह मीडिया की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है. यूआईडीएआई को रिपोर्ट के ख़िलाफ़ केस करने की बजाय खुद पर लगे आरोपों की जांच करनी चाहिए.” आधार को लेकर पिछले एक साल में यह चौथा मामला है जब अभिव्यक्ति को दबाने की कोशिश की जा रही है.”
पीयूष शर्मा
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